Alok Pratap Singh cough syrup smuggling: बाहुबली धनंजय सिंह के करीबी बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। कफ सिरप तस्करी कांड में करोड़ों के फर्जी लेन-देन से जुड़े अहम सबूत मिलने के बाद एसटीएफ ने उसे भगोड़ा घोषित किया था और लुकआउट नोटिस भी जारी करवाया था। आलोक सिंह विदेश भागने की फिराक में था, लेकिन एसटीएफ की लगातार दबिश और चौकसी के कारण वह सफल नहीं हो सका। गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ उससे सख्ती से पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि आलोक प्रताप सिंह ने अमित सिंह टाटा के साथ मिलकर धनबाद और वाराणसी में दो-दो फ़र्म (देवकृपा मेडिकल, श्रेयसी मेडिकल, श्री मेडिकल, मां शारदा मेडिकल) खोली थीं, जिनका इस्तेमाल बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में कफ सिरप की तस्करी के लिए किया जाता था। इन फ़र्मों का शैली ट्रेडर्स के साथ करोड़ों का लेन-देन सामने आया है। इसके अलावा, जौनपुर की मलहनी विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और आलोक प्रताप सिंह का एक ही पता दर्ज होना भी संदेह के घेरे में है। यह गिरफ्तारी इस बड़े तस्करी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है।
करोड़ों का लेन-देन और फर्मों का गठजोड़
एसटीएफ द्वारा पहले गिरफ्तार किए गए अमित सिंह टाटा ने अपने बयान में खुलासा किया था कि Alok Pratap Singh के साथ मिलकर उसने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल में कफ सिरप की तस्करी के लिए धनबाद और वाराणसी में फ़र्म (मेडिकल एजेंसियां) खोली थीं।
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धनबाद: देवकृपा मेडिकल एजेंसी (अमित सिंह के नाम पर) और श्रेयसी मेडिकल एजेंसी (आलोक प्रताप सिंह के नाम पर)। पहली बार में दोनों ने पाँच-पाँच लाख रुपये लगाकर 20 से 22 लाख रुपये का मुनाफा कमाया।
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वाराणसी: श्री मेडिकल (अमित की फर्म) और मां शारदा मेडिकल (आलोक की फर्म)। यहां भी शुभम जायसवाल और उसके साथी ही सारा लेन-देन देखते थे।
इन फ़र्मों का शैली ट्रेडर्स से हुआ फर्जी लेनदेन ही आलोक प्रताप सिंह को वॉन्टेड बनाने का मुख्य आधार बना था।
वोटर लिस्ट में एक ही पता
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एक गंभीर मामले की ओर ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि जौनपुर की मलहनी विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और भगोड़े (अब गिरफ्तार) Alok Pratap Singh का पता एक ही है। मकान संख्या 17 में 17 लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनमें आलोक प्रताप सिंह का नाम क्रम संख्या 120 पर है, जबकि धनंजय सिंह, उनके पिता, भाई और पत्नी के नाम भी इसी पते पर दर्ज हैं। अमिताभ ठाकुर ने इसकी गहन जांच की मांग की है।
