Jalesar news: 14 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश के जलेसर में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित शोभायात्रा के दौरान एक भयावह घटना सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। सोशल मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस शोभायात्रा में शामिल स्थानीय युवाओं पर आदर्श इंटर कॉलेज के अध्यापक दिनेश कुमार यादव ने कथित तौर पर गोली चला दी, जिससे एक दलित युवक की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब पूरा देश डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दे रहा था। इस वारदात ने जलेसर में तनाव का माहौल बना दिया है और पुलिस व प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शांतिपूर्ण आयोजन में अचानक हुई हिंसा
डॉ. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा में बड़ी संख्या में दलित समुदाय के युवक भाग ले रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था और किसी तरह की कोई उग्रता नहीं थी। लेकिन जैसे ही शोभायात्रा आदर्श इंटर कॉलेज के पास से गुज़री, वहां के एक अध्यापक दिनेश कुमार यादव ने कथित तौर पर बंदूक से फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान अभी तक आधिकारिक रूप से नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि वह दलित समुदाय से था।
#एटा: अंबेडकर जयंती शोभायात्रा के दौरान कस्बा जलेसर में हुआ बवाल, कल हुई कहासुनी के बाद मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले दलित व्यक्ति को दबंग प्रोफेसर दिनेश यादव ने मारी गोली।
शोभायात्रा में एकत्रित हुए दलित समाज के लोग हुए आक्रोशित। pic.twitter.com/PcWbfkcKsO— Amit Mathur (@amitmlive) April 14, 2025
सोशल मीडिया पर आक्रोश और कार्रवाई की मांग
Jalesar घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो वायरल होने लगे। लोगों ने घटना को लेकर गुस्सा जताया और आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। कई दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे जातीय हिंसा करार देते हुए तत्काल न्याय की मांग की है। सोशल मीडिया पर यह भी आरोप लगे कि आरोपी का संबंध समाजवादी पार्टी से हो सकता है, हालांकि इस पर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
Jalesar घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। कुछ राजनीतिक दलों ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कुछ लोगों ने इसे सपा समर्थकों की करतूत बताया है। हालांकि पुलिस अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे हुए है और किसी भी राजनीतिक संबंध की पुष्टि नहीं की गई है।
जातिगत तनाव और प्रशासनिक चुनौती
यह Jalesar घटना उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ हो रही हिंसा की श्रृंखला में एक और चिंताजनक कड़ी के रूप में देखी जा रही है। इससे पहले प्रयागराज में भी दलित युवक को जिंदा जलाने की घटना सामने आई थी। ऐसे में जलेसर की घटना प्रशासन के लिए एक और बड़ी चुनौती बन गई है। लोगों की मांग है कि आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाए।
अंबेडकर जयंती जैसे पवित्र अवसर पर इस प्रकार की हिंसा न केवल निंदनीय है, बल्कि यह समाज में गहराते जातिगत भेदभाव को भी उजागर करती है। ऐसी घटनाएं सामाजिक समरसता के प्रयासों को झटका देती हैं और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी सवाल खड़ा करती हैं।