Mohammad Shami News: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक बड़ा भ्रष्टाचार प्रकाश में आया है, जहां एक ग्राम प्रधान ने मनरेगा योजना का गंभीर दुरुपयोग किया है। जोया ब्लॉक के पलोला गांव में, ग्राम प्रधान गुले आइशा ने अपने परिवार के सदस्यों, जिनमें भारतीय क्रिकेटर Mohammad Shami की बहन शबीना और उनके जीजा गजनबी भी शामिल हैं, के लिए फर्जी मनरेगा जॉब कार्ड बनवाए हैं। इस घोटाले में एक वकील, एक MBBS छात्र और एक इंजीनियर जैसे पेशेवर लोगों को भी मनरेगा मजदूर के रूप में दर्शाया गया है, जबकि वे वास्तव में श्रम में संलग्न नहीं हैं।
विवरण और तथ्य
मनरेगा योजना में कुल 657 जॉब कार्ड बने हुए हैं, जिनमें से लगभग 150 सक्रिय माने जा रहे हैं। शबीना का जॉब कार्ड 4 जनवरी 2021 को बनाया गया था और 21 मार्च 2022 से 23 जुलाई 2024 तक उन्होंने 374 दिन की मजदूरी की है, जिसके बदले उनके खाते में लगभग 70,000 रुपए आए हैं। इसी तरह, उनके पति गजनबी ने 2021 से 2024 तक लगभग 300 दिन की मजदूरी की है और उनके खाते में करीब 66,000 रुपए आए हैं।
परिवार के अन्य सदस्यों का शामिल होना
इस फर्जीवाड़े में ग्राम प्रधान, Mohammad Shami के अन्य परिवार के सदस्य भी शामिल हैं:
- नेहा (ग्राम प्रधान की बेटी) को भी मनरेगा कार्ड दिया गया है
- शहजर (प्रधान के पति शकील का भाई), जिसकी अमरोहा में एक कृषि दुकान है
- जुल्फिकार (एक ठेकेदार) और उनके इंजीनियर बेटे अजीम को भी मनरेगा मजदूर के रूप में दर्शाया गया है
ग्राम प्रधान गुले आइशा ने अपनी बहू शबीना और बेटे गजनबी को कस्बा जोया में एक फ्लैट भी दिया है, जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 20 लाख रुपए है।
जांच और प्रतिक्रिया
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के लिए फर्जी मनरेगा कार्ड बनवाए हैं। जिलाधिकारी निधि गुप्ता वत्स ने जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो सभी पैसे की वसूली की जाएगी।
यह मामला मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और दुरुपयोग का एक चौंकाने वाला उदाहरण है। यह घटना न केवल सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को दर्शाती है, बल्कि गरीब मजदूरों के अधिकारों पर भी प्रहार करती है जो वास्तव में इस योजना का लाभ उठाने के हकदार हैं।