Amroha News : झांसी में हुए अग्निकांड के बाद, जहां अस्पताल में आग लगने से कई जानें चली गईं, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था को सख्ती से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, अमरोहा जिले में सरकारी अस्पतालों में आग से बचाव की व्यवस्था राम भरोसे छोड़ दी गई है।
अमरोहा जनपद के बछरायूं के सरकारी अस्पताल में आग से बचाव के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। इस अस्पताल में न तो अग्निशमन उपकरण हैं, और न ही अन्य किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए कोई एहतियात बरती गई है। यह भी सामने आया है कि यहां पर स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) भी नहीं लिया है, जिसके कारण आग से बचाव के इंतजाम पूरी तरह से नदारद हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर पर्दा डालने का आरोप
इस गंभीर मामले पर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सत्यपाल सिंह से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने इसे दबाने की कोशिश की और मामले को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद यह सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग गंभीर परिस्थितियों से बचने के लिए उचित कदम उठाने के बजाय, जानबूझकर लापरवाही बरत रहा है।
अस्पतालों में वेंटीलेटर भी नहीं
अमरोहा के अस्पतालों में वेंटीलेटर भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, जिससे मरीजों को गंभीर स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में अगर आपातकालीन स्थिति में आग बुझाने के उपकरण नहीं हैं और वेंटीलेटर भी फॉल्ट है, तो यह स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करता है।
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अमरोहा जिले के सरकारी अस्पतालों में इस तरह की लापरवाही न केवल स्वास्थ्य विभाग की विफलता को दर्शाती है, बल्कि यह जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ भी है। अगर समय रहते इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो किसी भी अप्रिय घटना के घटने से इंकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में कोई बड़ी घटना न हो।