Arihant Prakashan: देश के शीर्ष पांच प्रकाशकों में शामिल अरिहंत प्रकाशन के ठिकानों पर शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की, जिसमें अरबों रुपये की संपत्ति मिलने की संभावना जताई जा रही है। दिल्ली, नोएडा, मेरठ और अन्य स्थानों पर (Arihant Prakashan) आयकर विभाग की 22 टीमों के 300 से अधिक अधिकारियों ने कार्रवाई की। इस दौरान कैश, आभूषण, भूमि सौदों से जुड़ी दस्तावेजों की जांच की गई। साथ ही, प्रकाशक के मालिक योगेश चंद जैन, उनके परिवार और अन्य सहयोगियों के आवास और कार्यालयों की तलाशी ली गई। यह छापेमारी प्रकाशन से जुड़े कथित कर अनियमितताओं और भूमि सौदों की जांच के तहत की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग ने अरिहंत प्रकाशन के मालिक योगेश चंद जैन और चार्टर्ड एकाउंटेंट संजय रस्तोगी के नेतृत्व में चल रहे भूमि सौदों और कर अनियमितताओं की जांच के लिए व्यापक अभियान चलाया। इस अभियान (Arihant Prakashan) में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए। जांच के दौरान, अरिहंत प्रकाशन के मालिक जैन और उनके परिवार के सदस्यों के आवास और कार्यालयों की तलाशी ली गई। इनमें जैन का साकेत स्थित आवास, टीपी नगर कार्यालय और परतापुर बाईपास स्थित प्रिंटिंग प्रेस शामिल हैं।
आयकर विभाग की टीम ने संजय रस्तोगी के विभिन्न ठिकानों पर भी छापेमारी की, जिनमें उनके मेरठ स्थित सरधना पेपर मिल और गाजियाबाद स्थित उनके आवास शामिल थे। तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई, जिसके बाद नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। इसके अलावा, भूमि डीलर मनोज सिंघल और आर्किटेक्ट असित गुप्ता के आवासों और कार्यालयों पर भी छापे मारे गए।
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इस दौरान आयकर विभाग ने जांच के लिए 70 वाहनों का उपयोग किया और गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित एक फार्म हाउस में एकत्र होकर कार्रवाई शुरू की। नोएडा के सेक्टर-67 स्थित फैक्ट्री पर भी पिछले तीन दिनों से सर्च जारी है, जिसमें विभिन्न दस्तावेजों की जांच की जा रही है। अरिहंत प्रकाशन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा पुस्तकों का प्रकाशन करता है और इसकी चार दशकों से ज्यादा की एक समृद्ध विरासत है।