Atul Subhash Case : पत्नी निकिता सिंघानिया ने मांगी माफी, जौनपुर फैमिली कोर्ट में हुई अहम सुनवाई

चार साल के व्योम को 40 हजार रुपये प्रति माह देने का आदेश दिए जाने के बाद वसूली को लेकर दायर किए गए मामले में सोमवार को जौनपुर की फैमिली कोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन दोनों पक्षों के अनुपस्थित होने के कारण सुनवाई के लिए 29 जनवरी की नई तारीख तय की गई है।

Atul Subhash Case

Atul Subhash Case : जौनपुर फैमिली कोर्ट में अतुल सुभाष बनाम निकिता सिंघानिया के  मामले की सुनवाई हुई है। यह मामला चार साल के बेटे व्योम को हर माह 40 हजार रुपये देने के आदेश के बाद रिकवरी की मांग का था। लेकिन निकिता इस समय जेल में है। अतुल ने आत्महत्या कर ली है। इसलिए कोर्ट में दोनों पक्षों के अनुपस्थित रहने के कारण सुनवाई की अगली तिथि 29 जनवरी नियत की गई है।

क्या है मामला ?

सोमवार को व्योम की संरक्षक निकिता की ओर से अधिवक्ता ने अनुपस्थिति का प्रार्थना पत्र दिया। अतुल सुभाष(Atul Subhash Case) और पत्नी निकिता सिंघानिया के बीच विवाद के मामले में बेटे व्योम के भरण-पोषण के लिए निकिता की ओर से फैमिली कोर्ट में वाद दाखिल किया गया था। कोर्ट ने व्योम को हर माह 40 हजार रुपये देने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के बाद अतुल ने पैसा नहीं दिया। ऐसे में व्योम की संरक्षक होने के नाते उसकी मां निकिता सिंघानिया ने कोर्ट में दोबारा वाद दाखिल कर रिकवरी का आदेश देने की मांग की।

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मरने से पहले उसने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा। उसने एक घंटे से ज़्यादा का वीडियो भी बनाया। इसमें उसने अपनी पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं अतुल-निकिता मामले की सुनवाई कर रही जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और उनके चपरासी माधव फर्र पर भी रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। फिलहाल अतुल सुभाष मामले में भाई विकास की तरफ़ से बेंगलुरु पुलिस में चार लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है।

13 दिसंबर को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला

बेंगलुरु पुलिस ने 13 दिसंबर को निकिता, निशा और अनुराग को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वर्तमान में ये तीनों जेल में बंद हैं। इस बीच, सोमवार को प्रयागराज हाईकोर्ट में इस मामले की एक और सुनवाई हुई। असल में, पुलिस की गिरफ्तारी के डर से निकिता सहित चारों आरोपी फरार हो गए थे। इसके बाद, निकिता और अन्य तीन आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी।
सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर निर्णय सुनाया और चारों आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी। हालांकि, इसका लाभ केवल एक आरोपी को मिलेगा, क्योंकि पत्नी, सास और साला पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। इस स्थिति में यह जमानत उनके लिए कोई फायदा नहीं करेगी। अब केवल अतुल की पत्नी के चाचा, सुशील सिंघानिया को ही राहत मिलेगी, यानी पुलिस फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।
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