Atul Subhash Suicide: कौन है जिला जज Rita Kaushik? अतुल सुभाष सुसाइड में आया नाम, ससुराल ने ली जमाई

अतुल सुभाष का सुसाइड केस पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। अतुल सुभाष ने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी और उसके परिवार को दोषी ठहराया है। इस मामले में अब जिला जज रीता कौशिक का नाम भी सामने आ रहा है।

Atul Subhash Case

Atul Subhash Case : उत्तर प्रदेश के जौनपुर में अतुल सुभाष की मौत ने पूरे देश में सनसनी मचा दी है। मौत को गले लगाने से पहले अतुल सुभाष ने एक लंबा वीडियो शेयर किया, 40 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और फिर फांसी लगा ली। अतुल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया है। इस पूरे प्रकरण में जौनपुर की जिला जज रीता कौशिक का नाम भी सामने आ रहा है।

अतुल ने मौत से पहले 1 घंटे का वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो अपनी आपबीती सुनाते दिखाई दे रहे थे। अतुल का आरोप है कि पत्नी ने तलाक के बदले 3 करोड़ की मांग की। जब मामला फैमिली कोर्ट में गया तो कथित तौर पर 5 लाख रुपये की मांग की गई। फाइनल में जज ने अतुल कोटेनेंस के तौर पर 40 हजार रुपये देने का फैसला सुनाया। अतुल की मौत के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बाढ़ के बारे में बताया गया है। सभी अतुल के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

अतुल का क्या है आरोप ?

अतुल ने अपनी सुसाइड से पहले एक घंटे का वीडियो साझा किया, जिसमें वह अपनी दुखभरी कहानी सुनाते हुए नजर आ रहे थे। अतुल का आरोप था कि उनकी पत्नी ने तलाक के बदले 3 करोड़ रुपए की मांग की थी। जब मामला फैमिली कोर्ट में गया, तो कथित तौर पर पत्नी ने 5 लाख रुपए की मांग की। अंत में, जज ने अतुल को मेंटेनेंस के रूप में 40 हजार रुपए देने का आदेश दिया। अतुल की मौत के बाद से सोशल मीडिया पर उनके लिए न्याय की मांग तेज हो गई है, और कई लोग पोस्ट के माध्यम से इस मामले में न्याय की अपील कर रहे हैं।

कौन है रीत कौशिक ?

रीता कौशिक का जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद 20 मार्च 1996 को मुंसिफ न्यायिक सेवा में शामिल हुईं। 1999 में उन्हें सहारनपुर का जूडिशल मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया, और 2000 में उनका ट्रांसफर मथुरा हो गया, जहां उन्होंने एडिशनल सिविल जज के तौर पर 2 साल काम किया। 2003 में उन्हें अमरोहा का सिविल जज बना दिया गया।

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रीता कौशिक लखनऊ में भी 1 साल तक स्पेशल सीजीएम के रूप में कार्यरत रही हैं। 2004 में उन्हें प्रमोशन मिलकर अयोध्या का डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज बनाया गया। 2018 में वे फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज बनीं और 2022 में उनका तबादला जौनपुर हो गया, जहां वे तब से अपनी सेवाएं दे रही हैं।

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