Ayodhya Cancer Hospital: राम नगरी अयोध्या के निवासियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए अब उन्हें बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि उद्योगपति रतन टाटा के संकल्प से प्रेरित नमो फाउंडेशन अयोध्या में 6 से 8 एकड़ भूमि पर एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल का निर्माण करेगा। इसका उद्देश्य जनसेवा और कम लागत में इलाज उपलब्ध कराना होगा।
राम मंदिर ट्रस्ट की भी इस परियोजना में विशेष पहचान होगी। प्रस्तावित अस्पताल के लिए नमो फाउंडेशन की टीम ने भूमि निरीक्षण किया है और अयोध्या के राजा यतींद्र मिश्र ने इसके लिए भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। यह महत्वपूर्ण परियोजना 24 महीनों के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।
रतन टाटा के संकल्प को मिलेगा आकार
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि नमो कैंसर फाउंडेशन की कल्पना देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा की सोच से प्रेरित है। रतन टाटा ने संकल्प लिया था कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कैंसर की जांच और इलाज की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं, जिससे आम लोगों को आर्थिक रूप से राहत मिल सके। इसी उद्देश्य के तहत नमो फाउंडेशन का गठन किया गया है।
राजा अयोध्या कराएंगे भूमि उपलब्ध
नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी बताया कि फाउंडेशन की छह सदस्यीय टीम ने अयोध्या के राजा यतींद्र मिश्र से भी संपर्क किया है। राजा अयोध्या ने इस जनसेवा परियोजना के लिए 6 से 8 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। इस प्रस्तावित अस्पताल का नाम राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के नाम पर रखा जाएगा।
कम लागत में मिलेगा उत्कृष्ट इलाज
इस Ayodhya Cancer Hospital के निर्माण में राम मंदिर ट्रस्ट की भी विशेष पहचान होगी। अस्पताल का प्राथमिक उद्देश्य सिर्फ चिकित्सा सुविधा प्रदान करना नहीं, बल्कि जनसेवा होगा। यह स्पष्ट किया गया है कि यहां कैंसर का इलाज अत्यधिक महंगा नहीं होगा, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग भी आसानी से विश्व स्तरीय चिकित्सा सेवा का लाभ उठा सकें।
नृपेंद्र मिश्रा ने पुष्टि की है कि Ayodhya Cancer Hospital का निर्माण कार्य अगले 24 महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने के बाद अयोध्या धार्मिक और स्वास्थ्य सेवाओं के एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी पहचान मजबूत करेगी।



