Ayodhya circle rate: अयोध्या में जमीन की खरीद-बिक्री अब पहले से कहीं ज्यादा महंगी हो गई है। आठ साल बाद जिला प्रशासन ने जमीन के सर्किल रेट में करीब 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। राम मंदिर निर्माण और धार्मिक पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। अब रामजन्मभूमि के आस-पास के गांवों में जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। विशेष रूप से तिहुरा मांझा, शाहनवाजपुर माझा और बरहटा माझा जैसे क्षेत्रों में कृषि भूमि के सर्किल रेट में भारी इजाफा हुआ है। सोमवार से नए सर्किल रेट लागू हो गए हैं, जिससे अयोध्या एक धार्मिक के साथ-साथ रियल एस्टेट हॉटस्पॉट के रूप में भी उभर रहा है।
राम मंदिर के आसपास जमीनें सबसे महंगी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण ने Ayodhya की पहचान ही बदल दी। इसी का असर है कि रामजन्मभूमि के आसपास के गांवों में जमीन के दाम तेजी से बढ़े हैं। तिहुरा मांझा में कृषि भूमि का सर्किल रेट अब 33 लाख से 69 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर हो गया है, जबकि पहले यह 11 लाख से 23 लाख रुपये था। इसी तरह तिहुरा उपरहार में रेट 42 से 95 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिए गए हैं। शाहनवाजपुर माझा और बरहटा माझा में भी सर्किल रेट 221 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
रियल एस्टेट में बढ़ा निवेश, लेकिन किसानों को राहत नहीं
तिहुरा मांझा और आस-पास के गांवों में बड़े निवेशकों की नजरें टिक चुकी हैं। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने यहां प्लॉट लेने का एग्रीमेंट किया, वहीं अभिनंदन लोढ़ा की फैमिली ने जमीन खरीदी है। यूपी हाउसिंग बोर्ड ने 1800 एकड़ की टाउनशिप योजना के लिए 600 एकड़ भूमि अधिग्रहित कर ली है। बावजूद इसके, किसान सर्किल रेट को लेकर संतुष्ट नहीं हैं। हाई कोर्ट में केस लड़ रहे दुर्गा यादव का कहना है कि हर गांव में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि होनी चाहिए थी।
प्रशासन ने सर्वे के आधार पर तय किए रेट
Ayodhya डीएम निखिल टी. फुंडे ने बताया कि यह निर्णय बाजार मूल्य और भौगोलिक स्थितियों के आधार पर लिया गया है। भूमि की लोकेशन, सड़क, बाजार, परिवहन, सरकारी संस्थानों की उपलब्धता आदि को ध्यान में रखते हुए सर्किल रेट को संशोधित किया गया है। प्रशासन के अनुसार यह रेट स्टांप ड्यूटी निर्धारण और अधिग्रहण मूल्य का भी आधार बनेंगे।
राजनीतिक असर भी नजर आया
Ayodhya में सर्किल रेट को लेकर पहले भी राजनीतिक सरगर्मी रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जमीन के दाम का मुद्दा गरमाया था और भाजपा को राम मंदिर वाली सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने किसानों की जमीन दरों से जुड़ी मांगों को जोर-शोर से उठाया था, जिससे उन्हें राजनीतिक लाभ मिला। अयोध्या अब सिर्फ एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि तेजी से विकसित होता निवेश केंद्र भी बन चुका है। हालांकि रेट में बढ़ोतरी से रियल एस्टेट को रफ्तार मिलेगी, लेकिन किसानों की नाराजगी सरकार के लिए भविष्य में चुनौती बन सकती है।