Ayodhya: अयोध्या के मिर्जापुर माफी गांव में दीपावली के मौके पर एक धार्मिक विवाद हिंसा में बदल गया जब एक मुस्लिम रामभक्त, बबलू खान, ने राम नाम के भजन बजाए। बबलू, जो 2014 से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हुए हैं और भाजपा के सदस्य भी हैं, अपने परिवार और मित्रों के साथ राम भजन सुनते हुए जश्न मना रहे थे। उनके पड़ोसी पाटीदार ने इस पर आपत्ति जताई और विवाद मारपीट में बदल गया। पाटीदार और उसके कुछ साथियों ने कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियारों से बबलू और उनके बेटों पर हमला कर दिया, जिससे वे घायल हो गए। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच जारी है।
दीपावली के दिन राम भक्ति पर भारी पड़ी हिंसा
Ayodhya के दर्शननगर पुलिस चौकी के अंतर्गत मिर्जापुर माफी गांव में दीपावली की रात एक दुखद घटना हुई। राम भक्त बबलू खान अपने आवास के पास कार्यालय में अपने परिवार और मित्रों के साथ जश्न मना रहे थे। इस दौरान उन्होंने गाड़ी में राम नाम का प्रसिद्ध भजन ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ बजाया और उस पर झूमने लगे। पड़ोसी पाटीदार ने इस पर आपत्ति जताई और गाली-गलौच शुरू कर दी।
बबलू के विरोध करने पर पाटीदार ने अपने कुछ साथियों के साथ अचानक हमला कर दिया। धारदार हथियारों से किए गए इस हमले में बबलू खान और उनके दो बेटे घायल हो गए। बबलू ने पुलिस को बताया कि वे राम मंदिर आंदोलन से 2014 से जुड़े हुए हैं और भाजपा के सदस्य भी रह चुके हैं।
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राम मंदिर आंदोलन से जुड़ाव बना वजह
बबलू ने कहा कि वे राम मंदिर आंदोलन के प्रति अपनी भक्ति को लंबे समय से प्रदर्शित करते आ रहे हैं। घटना के वक्त, वे अपने कुछ मित्रों के साथ गाड़ी में बैठे थे और राम भजन बजा रहे थे। इसी दौरान पड़ोसी ने गाली-गलौच करना शुरू कर दिया, जो कुछ ही देर में हिंसक झगड़े में बदल गया। हमले में बबलू को बचाने के लिए पहुंचे उनके बेटों को भी चोटें आईं।
पुलिस कर रही है जांच
घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा दी गई और मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज की गई। Ayodhya पुलिस ने बताया कि हमला करने वाले पाटीदार और उसके साथी घटना के बाद से फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है और पुलिस ने इलाके में उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। बबलू खान और उनके परिवार की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है, लेकिन यह घटना अयोध्या में सामाजिक सौहार्द के लिए चिंता का विषय बन गई है।