Ayodhya News : अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न स्रोतों से उल्लेखनीय आय प्राप्त हुई है। मंदिर को कुल मिलाकर 327 करोड़ रुपये की आमदनी हुई, जिसमें 153 करोड़ रुपये सीधे श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान से आए हैं, जबकि शेष 173 करोड़ रुपये इस दान पर प्राप्त हुए ब्याज के रूप में प्राप्त हुए। अयोध्या का राम मंदिर अब देश के प्रमुख और विशालतम मंदिरों में शामिल हो चुका है। यहां प्रतिदिन लगभग 70 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, वहीं सप्ताहांत (वीकेंड) पर यह संख्या और भी अधिक हो जाती है।
दान में खुलकर दे रहे हैं श्रद्धालु
रामलला के दर्शनों के लिए आने वाले भक्त सिर्फ आस्था के चलते नहीं आते, बल्कि मंदिर में दान देने में भी पीछे नहीं रहते। ये श्रद्धालु नकद, चेक, आरटीजीएस और ऑनलाइन माध्यमों से दिल खोलकर दान दे रहे हैं। उनके दान में नगदी के अलावा सोना और चांदी जैसी मूल्यवान धातुएं भी शामिल हैं। हर कोई अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार योगदान दे रहा है।
पांच महीनों में 104 करोड़ से अधिक की आय
1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस अवधि में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को कुल 104.96 करोड़ रुपये की आय हुई है।
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दान काउंटर से 6.20 करोड़ रुपये
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रामलला की हुंडी (दान पात्र) से 20.86 करोड़ रुपये
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ऑनलाइन माध्यम से 3.76 करोड़ रुपये
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विदेशों से प्राप्त दान: 10 लाख रुपये
राम मंदिर के निर्माण के बाद से ही अयोध्या देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गई है। विभिन्न संस्थाएं, संगठनों और श्रद्धालुओं द्वारा रामलला के दर्शन के लिए आना लगातार जारी है। श्रद्धालुओं की इसी भारी मौजूदगी ने मंदिर की आय में लगातार इज़ाफा किया है।
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श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक बना राम मंदिर
राम मंदिर आज न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का भी प्रतीक बन गया है। जिस तरह से श्रद्धालु नित्य यहां पहुंच रहे हैं और योगदान दे रहे हैं, उससे यह स्पष्ट है कि राम मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और आर्थिक गतिविधि का केंद्र भी बन गया है।