Ayodhya News : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आज एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। वैशाख शुक्ल द्वितीया, 29 अप्रैल 2025 (मंगलवार) को मंदिर के मुख्य शिखर पर 500 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ध्वज दंड की प्रतिष्ठा संपन्न हुई। यह ध्वज दंड न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि श्रीराम की मर्यादा, आदर्शों और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतिनिधित्व करता है।
मंदिर के शिखर पर स्थापित किया गया 44 फुट ऊंचा ध्वज दंड कांस्य धातु से निर्मित है, जिसका कुल वजन लगभग 5.5 टन है। इसका निर्माण गुजरात के अहमदाबाद में तीन महीनों की अवधि में किया गया। यह ध्वज दंड मंदिर की 161 फुट ऊंची शिखर रचना पर सुशोभित किया गया, जिससे मंदिर की भव्यता और दिव्यता और अधिक बढ़ गई है।
‘जय श्रीराम’ के जयकारों से गूंजी अयोध्या नगरी
प्रातः 6:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ ध्वज दंड प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ हुआ। लगभग डेढ़ घंटे तक चले इस धार्मिक समारोह के उपरांत सुबह 8 बजे विधिपूर्वक ध्वज दंड को मंदिर के मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया। जैसे ही प्रतिष्ठा पूर्ण हुई, पूरी अयोध्या नगरी ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से गूंज उठी, और वातावरण पूरी तरह भक्ति में रंग गया।
ऐतिहासिक पल की तस्वीरें की गईं साझा
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस गौरवपूर्ण क्षण की कुछ दिव्य तस्वीरें सार्वजनिक कीं, जिनमें मंदिर की अनुपम भव्यता और आध्यात्मिक दिव्यता स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि यह प्रतिष्ठा कार्य शास्त्र सम्मत विधियों और गुरुजनों के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ। मंदिर परिसर में उपस्थित संतों, पुजारियों और श्रद्धालुओं ने एक स्वर में मंत्रोच्चार और श्रीराम भजन-कीर्तन के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
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यह ध्वज दंड मात्र एक धातु संरचना नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम के जीवन मूल्यों, मर्यादा, और धर्मनिष्ठा का प्रतीक है। यह ध्वज आने वाले युगों तक भक्तों को धार्मिक आस्था और श्रीराम के पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता रहेगा। एक बार फिर, अयोध्या की धरती दीपशिखाओं और भक्ति के प्रकाश से आलोकित हो उठी है।