लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान दो पैन कार्ड के आरोप में रामपुर की जेल में सजा काट रहे हैं। शुक्रवार को उन्हें एक केस के चलते कोर्ट में पेश होना था। आजम खान गेट के पास आए और कैदी वाहन को देखकर भड़क गए। उन्होंने कैदी वाहन में बैठने और कोर्ट जाने से मना कर दिया। आजम का सख्त रुख देखकर जेल अफसरों ने तत्काल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी कराई। कोर्ट ने सपा के दिवंगत नेता अमर सिंह केस में उन्हें बरी कर दिया।
दरअसल, आजम खान को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में शुक्रवार को पेश होना था। ऐसे में जेल प्रशासन ने उन्हें कोर्ट तक ले जानें के लिए कैदी वाहन की व्यवस्था की हुई थी। आजम बैरक से बाहर आए और जेल के दरवाजे के पास खड़े हो गए। उन्होंने कैदी वाहन में बैठने से इंकार कर दिया। आजम ने जेल के अफसरों से कहा, मैं राजनीतिक कैदी हूं, बोलेरो उपलब्ध कराइए। सूत्रों की मानें, तो अफसरों ने उन्हें मनाने की कोशिश की और कोर्ट चलने को कहा। लेकिन, आजम ने कैदी वाहन से कोर्ट जाने से साफ मना कर दिया और अपनी बैरक में लौट गए।
आजम का सख्त रुख देखकर जेल अफसरों ने तत्काल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी कराई। कोर्ट ने सपा के दिवंगत नेता अमर सिंह केस में उन्हें बरी कर दिया। 23 अगस्त, 2018 को एक इंटरव्यू के दौरान आजम खान ने अमर सिंह की बेटियों पर कथित आपत्तिजनक बयान दिया था। थाना अजीमनगर में आजम के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। आजम पक्ष के वकील विनोद शर्मा ने बताया, साल 2019 में अमर सिंह ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना रामपुर की थी, इसलिए केस यहां ट्रांसफर कर दिया गया।
वकील ने बताया कि आजम खान पर धारा 153ए, 153बी, 295, 506 के आरोप थे, जो अदालत में साबित नहीं हो सके। अभियोजन पक्ष इसे साबित नहीं कर पाया। वकील ने बताया कि अदालत ने आजम को क्लीनचिट दे दी। पुलिस विटनेस अधूरी थी। 161 में वादी के बयान रिकॉर्ड नहीं किए गए, जिससे यह साबित नहीं हो सका। हालांकि केस से बरी होने के बाद भी आजम खान अभी जेल में ही रहेंगे। उन्हें दो पैन कार्ड के आरोप में कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। आजम खान के बेटे को भी कोर्ट की तरफ से सजा सुनाई गई है। दोनों रामपुर की जेल में बंद हैं। अब्दुल्ला ने जमानत को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।








