Bagpat DM Asmita Lal: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में प्रशासनिक लापरवाही और सफाई व्यवस्था की बदहाली पर डीएम अस्मिता लाल ने कड़ा प्रहार किया है। गंदगी को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों का समाधान न करने और जिम्मेदारी ठीक से न निभाने पर उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) नीरज श्रीवास्तव और कई नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों (ईओ) सहित कुल 12 अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया है।
यह कार्रवाई तब हुई जब भारी बजट खर्च करने और स्वच्छता अभियान चलाने के बावजूद गांवों और शहरों में गंदगी के ढेर लगे रहे। डीएम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यह केवल शुरुआती कार्रवाई है; यदि अधिकारियों ने अपनी कार्यशैली और रवैये में तत्काल सुधार नहीं किया, तो मामले की रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी और उनके खिलाफ और भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
क्यों हुई यह कार्रवाई?
Bagpat DM Asmita Lal का यह फैसला अचानक नहीं आया है। हाल ही में जनपद के गांवों और शहरों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया गया था और कई विशेष अभियान चलाए गए थे। इसके बावजूद, जमीनी हकीकत यह रही कि जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे रहे और व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिखा।
इसके अलावा, ‘तहसील दिवस’ और अन्य माध्यमों से आने वाली जन-शिकायतों पर भी अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। जब डीएम ने पाया कि बजट खर्च होने के बाद भी अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह हैं, तो उन्होंने यह सख्त कदम उठाया।
किन अधिकारियों पर गिरी गाज?
Bagpat DM Asmita Lal ने जिम्मेदारी तय करते हुए बड़े अधिकारियों से लेकर जमीनी स्तर के कर्मचारियों तक पर कार्रवाई की है। जिनका वेतन रोका गया है, उनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
नीरज श्रीवास्तव: मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ)
के.के. भड़ाना: अधिशासी अधिकारी (ईओ), बागपत
श्याम सुंदर: जिला पिछड़ा कल्याण अधिकारी
अर्चना तिवारी: उपायुक्त उद्योग
रजनीश कुमार: अधिशासी अभियंता (सिंचाई विभाग)
सलमान: सहायक अभियंता (सिंचाई)
अनिल निमेश: (और कई गांवों के सचिव)
कौन हैं डीएम अस्मिता लाल?
इस सख्त कार्रवाई से चर्चा में आईं अस्मिता लाल 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में बागपत की 31वीं जिलाधिकारी हैं। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है:
उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक (BA) किया है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से लोक नीति एवं प्रबंधन में स्नातकोत्तर (MA) की डिग्री हासिल की है।
डीएम ने साफ कर दिया है कि काम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अधिकारी या तो सुधर जाएं या फिर बड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

