Bahraich violence: बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद योगी सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की है। मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि स्थिति हिंसक हो गई। इस हिंसा में 22 वर्षीय युवक रामगोपाल मिश्रा की मौत हो गई और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। इसी के तहत अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) पवित्र मोहन त्रिपाठी को उनके पद से हटा दिया गया और डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को नया एएसपी ग्रामीण नियुक्त किया गया है। योगी सरकार का यह कदम साफ संदेश देता है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्या था बहराइच हिंसा मामला?
मामला महाराजगंज का है, जहां मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद शुरू हुआ। मामूली झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया। इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं। भगवा झंडा लिए 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। रामगोपाल की मौत के बाद तनाव और बढ़ गया और हिंसक भीड़ ने कई घरों और वाहनों में आग लगा दी।
फलों का भाव पड़ा महंगा, पडोसी कीमत को लेकर हुआ आगबबुला… हत्या करके हुआ फरार
सख्त कार्रवाई से सन्देश देने की कोशिश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद कड़ी नजर बनाए रखी और निर्देश दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। Bahraich पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके अलावा, एसटीएफ चीफ को भी भीड़ नियंत्रित करने के लिए पिस्टल लेकर मैदान में उतरना पड़ा।
योगी का कड़ा संदेश
घटना के बाद Bahraich प्रशासनिक फेरबदल में पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाकर उनकी जगह दुर्गा प्रसाद तिवारी को नया एएसपी ग्रामीण नियुक्त किया गया। त्रिपाठी को हटाए जाने का कारण यह था कि जब बवाल मचा हुआ था, तब वे एक किलोमीटर दूर पीएसी के साथ खड़े थे। एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने इस पर नाराजगी जताते हुए त्रिपाठी को कड़ी फटकार लगाई थी।