Bahraich Violence : बहराइच सांप्रदायिक हिंसा मामले से जुड़ा एक नया अपडेट सामने आया है। खबर है कि इस मामले में पुलिस ने रविवार को मुख्य साजिशकर्ता शकील अहमद समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने फरार आरोपी सैफ अली, जावेद और शोएब की गिरफ्तारी पर 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है। आपको बता दें कि, इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा नामक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि मिश्रा की हत्या और महाराजगंज शहर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा के संबंध में हरदी थाने में बीएनएस 191 (2) (दंगा), 103 (2) (हत्या), 61 (2) (आपराधिक साजिश), 109 (हत्या का प्रयास) और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विवेचना के दौरान मुख्य साजिशकर्ता महराजगंज निवासी 52 वर्षीय शकील अहमद उर्फ बबलू, उसके भाई मोहम्मद इरफान (29) व फरहान रजा (24) तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में शामिल हसीब (33), तौसीफ (25) व नूरानी (28) का नाम प्रकाश में आया। इन सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के माध्यम से जेल भेज दिया गया है। एसपी ने आगे बताया कि विवेचना के दौरान उक्त गिरफ्तार आरोपियों के अलावा महराजगंज निवासी सैफ अली, जावेद व शोएब भी घटना में शामिल पाए गए ये तीनों इस घटना के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं जोकि अभी भी फरार हैं, और इन पर पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है।
तीन आरोपी हैं फरार
इसके साथ ही मुख्य साजिशकर्ता शकील अहमद के खिलाफ पहले से दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि हरदी पुलिस ने पूछताछ के लिए महराजगंज से 19 लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ के बाद छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ”शकील अहमद ने 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान बवाल कराने की साजिश रची थी। उसने यहां तक तय कर लिया था कि अगर किसी की जान भी लेनी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेगा।”
वहीं, पुलिस ने बताया कि रविवार की गिरफ्तारियों(Bahraich Violence) के साथ अब तक दोनों पक्षों से कुल 121 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। महराजगंज क्षेत्र और जिले में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। एहतियात के तौर पर इलाके में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। बता दें कि 13 अक्टूबर को महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा में रेहुआ मंसूर गांव निवासी मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी।
यह भी पढ़ें : चल रही थी प्रार्थना सभा, अचानक पहुंच गई पुलिस, जिसके बाद कुछ ऐसा हुआ…
इसके बाद 13 और 14 अक्टूबर को महसी, महराजगंज और बहराइच शहर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी। हिंसा के दौरान लोगों ने कई घरों, दुकानों और शोरूम में तोड़फोड़ और आगजनी की थी, जबकि कुछ अस्पतालों पर भी हमला किया गया था। पुलिस ने हिंसा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में कुल 15 मामले दर्ज किए थे। आईटी विशेषज्ञों की एक विशेष टीम गठित की गई तथा 1,000 से अधिक वीडियो फुटेज की वैज्ञानिक जांच एवं विश्लेषण के लिए एक अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया।