Bakrid 2025: अलीगढ़ में शाहजमाल स्थित बड़ी ईदगाह, ऊपर कोट जामा मस्जिद, AMU और अन्य मस्जिदों में ईद-उल-अज़हा की नमाज़ शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई। प्रशासन ने नमाज़ को लेकर कड़े इंतजाम किए थे ताकि सड़कों पर नमाज़ न पढ़ी जाए। ईदगाह पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया जिसमें ADM सिटी अमित कुमार भट्ट, SP सिटी मृगांक पाठक, CO सिटी और RAF शामिल थे। नमाज़ दो शिफ्ट में पढ़ी गई—पहली 6:45 बजे और दूसरी 7:15 बजे। शहर मुफ्ती अब्दुल हमीद ने नमाज़ पढ़ाई और सभी को ईद की मुबारकबाद दी।
प्रशासन की सख्ती.. पीस कमेटी की भूमिका
ADM सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया कि पीस कमेटी की बैठक में पहले ही साफ कर दिया गया था कि नमाज़ केवल ईदगाह के अंदर पढ़ी जाएगी। नगर निगम ने सफाई और अन्य व्यवस्थाओं में सराहनीय कार्य किया। शासन और कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए नमाज़ सकुशल संपन्न हुई। सड़कों पर कोई भी नमाज़ (Bakrid 2025) पढ़ने नहीं आया जिससे व्यवस्था सुचारु रही। भट्ट ने कहा कि सभी लोग हर्षोल्लास के साथ ईद मना रहे हैं।
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धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर विवाद
नमाज़ के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अलीगढ़ महानगर अध्यक्ष मौलाना अकबर कासमी ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के बकरे की कुर्बानी न देने वाले बयान की कड़ी आलोचना की। कासमी ने कहा, “शास्त्री जी का दिमाग खराब हो गया है। वे जीव हिंसा की बात करते हैं लेकिन मॉब लिंचिंग और गौ रक्षा के नाम पर हिंसा को नजरअंदाज करते हैं। कुर्बानी के दिन ही इन्हें जीव रक्षा याद आती है। सब्जियों में भी जीव होते हैं फिर उसे क्यों खाते हैं?”
कासमी ने आरोप लगाया कि शास्त्री नफरत फैलाने और हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “उनकी यह राजनीति अब खत्म हो चुकी है। हिंदू और मुस्लिम दोनों उनकी साजिश को समझ चुके हैं और अब एकता के साथ रहेंगे।” इस बयान ने स्थानीय स्तर पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।