लखनऊ– उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की मलिन बस्तियों में पुलिस बल के साथ जिला प्रशासन लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की पहचान करने के लिए आज से बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। राजधानी के तमाम मलिन बस्तियों से सूचना मिल रही है कि बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी रोहिंग्या अवैध तरीके से रह रहे हैं।
आवासों को उठाया किराए पर
लखनऊ के सबसे पास इलाके में हज़रतगंज के डालीबाग इलाके की मलिन बस्ती में पुलिस फोर्स के साथ अफसर झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर लोगों के आधार कार्ड की जांच की गई है। बताया जा रहा है कि तमाम इन जुग्गी झोपड़ियों में वह लोग भी रहते हैं जिनको सरकार की तरफ से ढूंढा की कॉलोनियों में आवास दिए जा चुके हैं। उसके बावजूद उन आवासों को किराए पर उठाकर यह लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं।
केंद्र सरकारी योजनाओं का उठा रहे हैं लाभ
ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है यहीं नहीं प्रत्येक झोपड़ी में रहने वाले लोगों के आधार और पहचान पत्र के सत्यापन के साथ उनसे पूछताछ की जा रही हैं। वो कब से और किस आधार पर झुग्गी झोपड़ी में रह रहे है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों से यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। अधिकारियों के सवालों से झुग्गी झोपड़ी मलिन बस्ती में रहने वाले लोगों की दिलों की धड़कन ए बढ़ा दी है।
पूर्व में भी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इस तरीके से अभियान चलाए गए हैं। जिसमें अवैध तरीके से बांग्लादेश के रोहिंग्या मुसलमान उत्तर प्रदेश में आकर रह रहे थे। उस को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है क्योंकि यह रोहिंग्या मुसलमान हिंदुस्तान में रहकर देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए थे। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब एक बार फिर से अभियान शुरू किया गया है। जिससे यह पता लगाने का काम किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किए गए रोहिंग्या पूछताछ में बताया कि मलिन बस्तियों में अभी भी अवैध रूप से तमाम रोहिंग्या आ रहे हैं उन्हीं को पकड़ने के लिए इस तरीके का अभियान चलाया जा रहा है।