Banke Bihari Corridor : वृंदावन में बनने वाले श्री बांके बिहारी जी कॉरिडोर के निर्माण कार्य को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं। इस परियोजना के चलते लगभग 275 परिवारों को अपनी मौजूदा जगह छोड़नी पड़ेगी। जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए पूरी तरह से रहने का इंतजाम कर लिया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि विकास के इस कार्य में किसी भी परिवार को बेघर नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें पहले से बेहतर सुविधाओं वाले नए आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में जमीन चिन्हित की है, जहां इन परिवारों के लिए नए फ्लैट बनाए जाएंगे। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के मुताबिक, यहां 1 बीएचके और 2 बीएचके वाले लगभग 325 से 350 फ्लैट बनाए जाएंगे, जो लोगों की जरूरतों और मांगों के अनुरूप होंगे।
योजना में 200 दुकानें शामिल
इस योजना में करीब 200 दुकानें भी शामिल हैं, जो प्रभावित मकान मालिकों के कारोबार से जुड़ी हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि दुकानदारों को कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें कॉरिडोर के भीतर ही नई दुकानें दी जाएंगी ताकि उनका व्यापार निर्बाध चलता रहे। इसके साथ ही, जिन परिवारों की जमीन और मकान अधिग्रहित किए जा रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। प्रभावित परिवारों को एक ही क्षेत्र में बसाने का विकल्प दिया जाएगा, जिससे वे अपने पुराने पड़ोसियों और समुदाय के संपर्क में बने रह सकें।
ऐसे बनाए जाएंगे विशेष प्लॉट
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि रुक्मिणी विहार में चार बड़े प्लॉट विशेष रूप से चुने गए हैं, जिन पर 1 बीएचके और 2 बीएचके फ्लैट बनाए जाएंगे ताकि निर्माण कार्य समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके। आवश्यकतानुसार आसपास की जमीन भी जोड़कर फ्लैटों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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सुनरख बांगर में भी लगभग साढ़े तीन एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। रुक्मिणी विहार के चार प्लॉट क्रमशः 3924.91, 2844, 1800 और 1504 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के हैं, जहां लगभग 325 से 350 फ्लैट बनाए जाने हैं। सचिव अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि फ्लैटों का डिज़ाइन तैयार हो चुका है और फिलहाल रुक्मिणी विहार में आवास निर्माण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।