Five Funerals Together: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हुए बेहद खतरनाक हादसे ने एक ही परिवार के पांच लोगों की जान ले ली। हादसा इतना भयानक था कि वैगन आर कार में सवार सभी लोग जिंदा जलकर राख हो गए।
मृतकों में हेड कांस्टेबल अशरफ जावेद की पत्नी गुलिस्ता चांदनी, बेटियां इसमा, समरीन, इलमा और बेटा जियान शामिल थे।
इन पांचों के जनाजे जब वाराणसी के लोहता इलाके में एक साथ उठे, तो वहां मौजूद हर शख्स का दिल दहल गया। इसी दौरान अशरफ जावेद के बेहद करीबी दोस्त सब्बू मियां इस सदमे को सहन नहीं कर पाए और उनकी भी मौके पर ही जान चली गई।
कैसे हुआ था दर्दनाक हादसा
हादसा तब हुआ जब तेज रफ्तार ब्रेजा कार ने सड़क किनारे खड़ी वैगन आर को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही दोनों गाड़ियों में आग भड़क उठी। वैगन आर के दरवाजे लॉक होने से परिवार अंदर ही फंस गया और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। कुछ मिनटों में आग ने गाड़ियों को घेर लिया और देखते ही देखते पांचों की मौत हो गई। हादसे की तस्वीरें और घटनास्थल का मंजर बेहद डरावना था।
अंतिम संस्कार का दिल दहला देने वाला दृश्य
वाराणसी के लोहता कब्रिस्तान में गुरुवार को पांचों जनाजे एक साथ लाए गए। दफनाने के लिए बड़ी संख्या में रिश्तेदार, दोस्त और स्थानीय लोग पहुंचे थे। माहौल इतना गमगीन था कि हर तरफ सिर्फ सिसकियां और रोने की आवाजें थीं।
अशरफ जावेद के मित्र 54 वर्षीय सब्बू मियां भी आजमगढ़ से अंतिम संस्कार में शामिल होने खास तौर पर आए थे। दोनों परिवारों के बीच बेहद गहरा रिश्ता था।
सब्बू मियां की अचानक मौत
जब जनाजों को दफनाया जा रहा था, उसी समय सब्बू मियां मिट्टी देने पहुंचे। लेकिन माहौल का दुख, शवों का दृश्य और अपने दोस्त के टूटे परिवार को देखकर वे भावनात्मक रूप से पूरी तरह बिखर गए।
अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे वहीं बेहोश होकर गिर पड़े।
लोगों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई।
दोस्तों और परिजनों का कहना है कि अशरफ जावेद के परिवार का ऐसा दर्दनाक अंत देखकर सब्बू मियां सदमे में चले गए थे, जो उनके लिए असहनीय साबित हुआ।
क्षेत्र में छाया मातम
एक ही दिन में छह लोगों की मौत से पूरा इलाका शोक में डूबा हुआ है।
जहां अशरफ जावेद का परिवार एक दुर्घटना में खत्म हो गया, वहीं उनके सबसे करीबी दोस्त को भी यह दुख ले डूबा। यह घटना लोगों को अंदर तक झकझोर गई है।
