Barabanki News: योगी राज में ABVP छात्रों पर लाठीचार्ज, सीएम सख़्त,क्यों हुआ छात्रों का प्रदर्शन और बवाल

बाराबंकी की रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में अवैध पाठ्यक्रमों को लेकर छात्रों और पुलिस में भिड़ंत हुई। लाठीचार्ज में 24 छात्र घायल हुए। सीएम योगी ने अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए और रिपोर्ट मांगी।

Barabanki University Clash, Police Lathicharge, Student

Barabanki News: श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में सोमवार को बड़ा बवाल खड़ा हो गया। एलएलबी के छात्रों ने अवैध पाठ्यक्रमों को लेकर विरोध किया, जिसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच टकराव हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्र और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता घायल हो गए।

सीएम योगी ने लिया संज्ञान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने सीओ सिटी हर्षित चौहान को पद से हटाने के आदेश दिए। शहर कोतवाल रामकिशन राणा और गदिया चौकी प्रभारी समेत पूरी चौकी की टीम को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जांच की जिम्मेदारी अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार को सौंपी गई है।

छात्रों का प्रदर्शन और बवाल

मामला तब बिगड़ा जब छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में गेट बंद कर हंगामा किया। प्रबंधन के लोगों से उनकी कहासुनी हो गई और माहौल बिगड़ गया। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां चलाना शुरू किया। इससे नाराज छात्रों ने गदिया पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। इस झड़प में करीब 24 छात्र और एबीवीपी कार्यकर्ता घायल हो गए।

घायलों का इलाज और आरोप

घायल छात्रों में एबीवीपी के कई पदाधिकारी भी शामिल थे। आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी का प्राथमिक इलाज के बाद घर भेजा गया। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता न होने के बावजूद एलएलबी, बीबीए एलएलबी और बीए एलएलबी में अवैध तरीके से दाखिले कर रहा है।

एबीवीपी का विरोध प्रदर्शन

पुलिस की कार्रवाई से नाराज एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने रात को डीएम आवास और एसपी ऑफिस के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग उठाई गई। संगठन ने चेतावनी दी कि जब तक छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा, विरोध जारी रहेगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन की सफाई

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपों को खारिज कर दिया। रजिस्ट्रार नीरजा जिंदल ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से 2022-23 तक मान्यता मिली है और 2027 तक संबद्धता शुल्क भी जमा किया गया है। उन्होंने छात्रों को गुमराह करने का आरोप कुछ लोगों पर लगाया।

स्थिति और जांच

फिलहाल परिसर और शहर में स्थिति शांत है। प्रदेश सरकार ने मंडलायुक्त अयोध्या को विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता की जांच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने आज शाम तक विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

Exit mobile version