Badaun News: बदायूं जिले में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जिसमें गुलफाम नामक युवक ने एसएसपी ऑफिस के सामने खुद को आग लगा ली। यह मामला एक लंबी हिंसक घटना का परिणाम था, जिसमें युवक ने आरोप लगाया कि इलाके के दबंगों ने उसका ई-रिक्शा और पैसे छीन लिए थे। जब उसने पुलिस से शिकायत की, तो उसे सीओ संजीव कुमार ने जेल भेजने की धमकी दी। इससे परेशान होकर गुलफाम ने आत्मदाह का प्रयास किया। घटना के बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया, जहां से उसे बरेली रेफर कर दिया गया।
गुलफाम का कहना है कि 30 दिसंबर को उसके साथ कुछ लोगों ने मारपीट की और उसका ई-रिक्शा, मोबाइल फोन और 2200 रुपए छीन लिए। आरोपियों में निहाल, मुनाजिर, शाकिर और मोहल्ले का वार्ड मेंबर शामिल थे। इस मामले में गुलफाम ने सदर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने सीओ संजीव कुमार से शिकायत की, लेकिन उन्हें भी कोई मदद नहीं मिली। सीओ पर गुलफाम ने आरोप लगाया कि उन्होंने उसे जेल भेजने की धमकी दी थी।
गुलफाम की पीड़ा यह थी कि पुलिस ने उसकी मदद करने के बजाय उल्टा उस पर दबाव डाला। उसने बताया कि पुलिस ने उसे धमकी दी कि अगर उसने उनका कहना नहीं माना, तो उसे दो किलो डोडा पाउडर में फंसाकर जेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद युवक ने महसूस किया कि अब कोई रास्ता नहीं बचा है, और मजबूरी में उसने एसएसपी ऑफिस के बाहर आत्मदाह की कोशिश की।
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घटना के तुरंत बाद Badaun पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और गुलफाम को जिला अस्पताल भेजा। डॉक्टरों के मुताबिक, युवक बुरी तरह झुलस चुका था और प्राथमिक इलाज के बाद उसे बरेली रेफर कर दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद एसएसपी डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गुलफाम का अपनी ससुराल वालों से दो साल से विवाद चल रहा था। 30 दिसंबर को जब उसने ससुराल में घुसने की कोशिश की, तो पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया। एसएसपी के मुताबिक, गुलफाम ने तनाव के कारण आत्मदाह का प्रयास किया।
इस घटना के बाद Badaun पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि क्यों पीड़ित की मदद करने के बजाय उसे दबाव का सामना करना पड़ा। अब इस मामले में आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।