UP Cabinet Expansion मार्च का महीना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काफी अहम होने वाला है। इस दौरान संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी मंत्रिमंडल विस्तार की योजना बनाई जा रही है। यह बदलाव होली के बाद देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में छह से सात नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले प्रदेश के सभी जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। इनमें से कुछ पुराने चेहरे दोबारा चुने जा सकते हैं। इसके अलावा, जल्द ही पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष भी मिल सकता है। इन बदलावों का मकसद वर्ष 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर पार्टी की रणनीति को मजबूत करना है। भाजपा जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिश में है। साथ ही, भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।
होली के बाद होगा मंत्रिमंडल विस्तार
उत्तर प्रदेश में होली के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। इस विस्तार के तहत मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं की भागीदारी को भी बढ़ाने की योजना है। इसकी वजह यह है कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश से आते हैं, इसलिए पश्चिमी यूपी को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की जरूरत महसूस की जा रही है।
संगठन के कुछ चेहरे बन सकते हैं मंत्री
भाजपा के संगठन से दो प्रमुख नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा, एक ऐसे व्यक्ति को भी मंत्री बनाया जा सकता है जो फिलहाल किसी भी सदन का सदस्य नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे व्यक्ति को विधान परिषद की उस सीट पर भेजा जा सकता है, जो जितिन प्रसाद के सांसद बनने के बाद से खाली पड़ी है।
रालोद कोटे से जाट नेता को मिल सकती है जगह
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की हिस्सेदारी भी बढ़ सकती है। उसे एक अतिरिक्त मंत्री पद दिया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि जयंत चौधरी किसी जाट नेता को मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं। फिलहाल जिन दो नामों की चर्चा है, उनमें शामली से विधायक प्रसन्न चौधरी और सादाबाद से विधायक गुड्डू चौधरी शामिल हैं।
गुर्जर कोटे से मिल सकता है प्रतिनिधित्व
गुर्जर समुदाय से भी किसी नेता को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा के नकुड़ से विधायक मुकेश चौधरी को मंत्री बनाया जा सकता है। इस फैसले के जरिए पार्टी गुर्जर समाज को साधने की कोशिश कर रही है।
भाजपा में मार्च के महीने में संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। होली के बाद इन बदलावों को अमलीजामा पहनाया जाएगा, जिससे पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति मजबूत हो सके।