Ghaziapur Crime: ब्लैकमेलिंग से परेशान किशोरी ने की आत्महत्या, मोबाइल चैट से हुआ खुलासा

ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर गाजीपुर जिले की एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मोबाइल चैट्स से खुलासा हुआ कि पड़ोस का युवक आपत्तिजनक तस्वीरों के जरिए उसे ब्लैकमेल कर रहा था। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

Ghaziapur

Ghaziapur Crime: गाजीपुर जिले के एक गांव में ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर एक किशोरी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना 28 नवंबर की है, जब सदर कोतवाली क्षेत्र की 16 वर्षीय किशोरी ने अपने घर में खुदकुशी कर ली। परिजनों ने घटना के बाद बिना पोस्टमार्टम कराए ही अंतिम संस्कार कर दिया। लेकिन जब लड़की के मोबाइल फोन की जांच की गई, तो उसके आत्महत्या की वजह सामने आई। मोबाइल चैट्स में पता चला कि पड़ोस का एक युवक उसे आपत्तिजनक तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर रहा था। इस मानसिक दबाव ने किशोरी को आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

ब्लैकमेलिंग की वजह से छूटा साथ

किशोरी के परिजनों ने घटना के बाद मोबाइल की जांच की, जिसमें उसकी परेशानियों का खुलासा हुआ। चैट्स में पाया गया कि पड़ोस में रहने वाले युवक ने किशोरी के साथ विश्वासघात करते हुए उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींच ली थीं। इसके बाद वह इन तस्वीरों के जरिए उसे ब्लैकमेल करने लगा। मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर किशोरी ने 28 नवंबर को अपनी जान दे दी।

किशोरी के पिता फायर सर्विस भेलूपुर वाराणसी में तैनात हैं, जबकि परिवार Ghaziapur में रहता है। परिजनों का कहना है कि लड़की लगातार मानसिक दबाव झेल रही थी, लेकिन उसने अपनी परेशानी किसी को नहीं बताई।

पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत

किशोरी के पिता ने युवक के खिलाफ सदर कोतवाली में तहरीर दी है। इसमें उन्होंने बताया कि आरोपी युवक उनकी बेटी को फोटो और वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल कर रहा था। पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

आरोपी पर होगी सख्त कार्रवाई

Ghaziapur पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह ब्लैकमेलिंग और मानसिक उत्पीड़न का मामला है। आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि किशोरी के मोबाइल फोन से मिले साक्ष्य जांच में मददगार साबित हो रहे हैं।

इस घटना ने समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किशोरों के साथ हो रहे ऐसे अपराधों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। मानसिक उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग जैसी घटनाएं न केवल पीड़ित बल्कि पूरे परिवार को गहरे जख्म देती हैं।

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