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गोरखपुर ITM गिड़ा B.Tech की छात्राओं ने किया शिवा ब्लाइंड स्टिक का अविष्कार, जो मंदिर-मस्जिद की राह करेगी आसान

गोरखपुर ITM गिड़ा B.Tech की छात्राओं ने किया शिवा ब्लाइंड स्टिक का अविष्कार, जो मंदिर-मस्जिद की राह करेगी आसान

गोरखपुर आईटीएम गिड़ा बीटेक की चार छात्राएं ने मिलकर ऐसी नेतृहीन लोगों के लिये एक ऐसी छड़ी बनाई हैं जो सामने किसी व्यक्ति या ऑब्जेक्ट के आने पर अलर्ट करने के साथ रास्ते में किसी मंदिर के आने पर छड़ी नेतृहीन व्यक्ति को मंदिर के नजदीक आने पर छड़ी उस मंदिर व भगवान का नाम भी बताएगा ताकि व्यक्ति को ये पता हों जाए की उनके आस-पास कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुदवारा या हॉस्पिटल है।

बता दें कि वही छात्रों ने इस छड़ी को कॉलेज के प्रोफेसर विनीत राय के अंंडर में तैयार किया हैं। छात्राओं द्वारा इस नेतृहीन छड़ी को शिवा ब्लाइंड स्टिक का नाम दिया हैं, वहीं शिवरात्री नजदीक हैं और आईटीएम गिड़ा की छात्राओं के इस अविष्कार से नेतृहीन लोगों को उजाल की एक किरण मिलेगी l वहीं बता दें आईटीएम गीडा से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने वाली अंकिता सिंह, अंजली सिंह, अंशिका पटेल और एमबीए की छात्रा अनामिका सिंह ने मिलकर शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाई है। इस स्टिक के सहारे ब्लाइंड भी कहीं भी आ जा सकेंगे। वहीं उनके सामने किसी व्यक्ति या आब्जेक्ट के आने पर स्टिक में अलर्ट सायरन बजेगा।

चलिए जानते है ये कैसे काम करता है


स्टूडेंट्स ने बताया कि शिवा ब्लाइंड स्टिक रेडियो सिग्नेल पर काम करती है। उन्होंने बताया कि स्टीक में रिलिवर होता है, जो हमारे वॉइस सर्किट से जुड़ा होता है। इस सर्किट का एक ट्रांसीटर होता है, जिसे हम धार्मिक स्थलों मेडिकल शॉप हॉस्पिटल या जहां हम जरुरी समझते हैं। इस ट्रांसमीटर चिप को इंस्टॉल कर सकते हैं। जैसे कोई ब्लाइंड व्यक्ति अपनी स्टीक में लगे बटन को दबाता है। उस ऐरिया में लगे ट्रांसमीटर को एक रेडियोसिग्नेल मिलता है। जिससे स्टिक में लगे ईयर फोन में आवाज के माध्यम से उन्हें ये पता हो जाता है कि उनके नजदीक क्या है। स्टूडेंट्स ने बताया कि देखा जाता है कि भागदौड़ भर जिंदगी में कोई खाली नहीं है। ऐसे में नेत्रहीन व्यक्ति खुद अपने बलबूते पर कहीं निकल सके, इसके लिए हम लोगों ने ये स्टीक तैयार की है। स्टूडेंट्स ने बताया कि इसे बनाने में 7 दिन का समय लगा है। स्टिक पर तीन हजार रुपए खर्च हुए हैं। वहीं उन्होंने बताया कि शिवा ब्लाइंड स्टिक बनाने में एक सेल्फी स्टिक, ट्रांसमीटर, रिसीवर, रिले वोल्ड वॉइस रिकार्डिंग चिप, 9वोल्ट बैटरी, स्पीकर का इस्तेमाल की गई है। स्टिक एक बार चार्ज करने पर तीन तक काम करेगा हमारे कॉलेज में इनोवेशन सेल है। जिसमें हमारे कॉलेज के स्टूडेंट अपने आइडियाज को एक प्रोटोटाइप रुप दे सकते है। स्टूडेंटस पीएम नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया मिशन को देखते हुए नए-नए अविश्कार कर रहे हैं। जो एक दिन देश के विकास में गति प्रदान करेगा।

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