Pratibha Shukla Dharna: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला गुरुवार को उस वक्त धरने पर बैठ गईं, जब भाजपा कार्यकर्ता पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया। घटना अकबरपुर कोतवाली की है, जहां मंत्री ने इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज को हटाने की मांग करते हुए कार्रवाई होने तक थाने से न हटने का ऐलान किया। इस बीच उनके पति व पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से फोन पर बात की और आत्महत्या तक की धमकी दे डाली। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या आपको ब्राह्मणों की रक्षा के लिए डिप्टी सीएम बनाया गया है या फिर फर्जी मुकदमों का तमाशा देखते रहने के लिए?
आपको डिप्टी सीएम इसीलिए बनाया गया न कि आप ब्राह्मणों की रक्षा करोगे..
और ब्राह्मणों के खिलाफ मुकदमे फर्जी लिखा जाएं..
उनको मां-बहन की गालियां दी जाएं और हम लोग सब उनको वोट करते रहें..
ऐसे तो नहीं चल पाएगा..
चलो रक्खो..
पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वाराणसी किससे बात कर रहे हैं?? कोई… pic.twitter.com/LlZF12l2Wq— Vivek K. Tripathi (@meevkt) July 24, 2025
मंत्री का छह घंटे लंबा धरना
बदलापुर के विवादित सड़क निर्माण कार्य को लेकर भाजपा कार्यकर्ता शिवा पांडेय समेत कुछ लोगों पर मुकदमा दर्ज होते ही राज्यमंत्री Pratibha Shukla गुरुवार दोपहर को अकबरपुर कोतवाली पहुंचीं। उन्होंने कार्यकर्ता पर दर्ज केस को फर्जी बताते हुए इंस्पेक्टर सतीश सिंह व लालपुर चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। समर्थकों के साथ बैठी मंत्री के विरोध के चलते कोतवाली परिसर में भारी भीड़ जुट गई। शाम करीब नौ बजे पुलिस कप्तान पहुंचे और चौकी इंचार्ज को लाइनहाजिर करने तथा इंस्पेक्टर पर जांच का आदेश एएसपी को सौंपने की बात कही, तब जाकर मंत्री धरने से उठीं।
पूर्व सांसद ने ब्रजेश पाठक से जताया गुस्सा
धरने के दौरान पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी भी कोतवाली पहुंचे और फोन पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से बात की। उन्होंने भावुक होते हुए कहा— “राजनीति छोड़ दें या फांसी पर लटक जाएं? आपको ब्राह्मणों की सुरक्षा के लिए डिप्टी सीएम बनाया गया है या फिर गालियां और फर्जी मुकदमे झेलने के लिए?” फोन कटने के बाद उन्होंने समर्थकों से कहा कि रस्सी लाओ, यहीं फांसी लगा लेते हैं।
सड़क निर्माण को लेकर उठा विवाद
बदलापुर में विधायक निधि से सड़क बन रही थी, लेकिन स्थानीय सभासद शमशाद ने उसे गलत स्थान बताते हुए काम बंद करा दिया। राज्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर काम दोबारा शुरू कराया, जिसके बाद ठेकेदार जहूर की तहरीर पर सभासद के खिलाफ रंगदारी का केस दर्ज हुआ। इसके बाद चेयरमैन दीपाली सिंह और ईओ ने फिर काम रुकवा दिया। फिर एक अन्य शिकायत के आधार पर भाजपा नेता समेत कई लोगों पर केस दर्ज हुआ, जिससे विवाद और गहरा गया।
पुलिस की कार्रवाई के बाद शांत हुआ मामला
मंत्री Pratibha Shukla की नाराजगी और धरने को देखते हुए पुलिस कप्तान को खुद थाने पहुंचना पड़ा। उन्होंने तत्काल चौकी प्रभारी को लाइनहाजिर करने और इंस्पेक्टर के खिलाफ जांच शुरू करने का आश्वासन दिया। इसके बाद धरना खत्म हुआ, लेकिन इस घटनाक्रम ने भाजपा में अंदरूनी खींचतान और जातीय समीकरणों को एक बार फिर सतह पर ला दिया है।