लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर लगभग-लगभग डुगडुबी बज चुकी है। राजनीतिक दल लाव-लश्कर के साथ सियासी अखाड़े में उतर चुके हैं। जीत-हार के लिए अभी से दांव-पेच आजमाए जानें लगे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को राजधानी लखनऊ में बड़ी खबर सामने आई। बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह करीब 31 माह के बाद सीएम आवास पहुंचे। यहां वह सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि ये बैठक पंचायत और विधानसभा चुनाव को लेकर हुई है।
पूर्वांचल की राजनीति में पूर्व सांसद बृजभूषण शरण की अच्छी पकड़ है। तभी तो वह अक्सर कहते रहते हैं कि हमारा दबदबा था, दबदबा है और आगे भी दबदबा रहेगा। पूर्व सांसद को लेकर कहा जाता रहा है कि उनकी सीएम योगी आदित्नाथ से नहीं बनती। खुद एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि उनके नेता सीएम योगी नहीं हैं। हमारे नेता पीएम नरेंद्र मोदी हैं। बृजभूषण शरण सिंह बीते 31 माह के दौरान कभी सीएम योगी से नहीं मिले। उनके साथ मंच साझा भी नहीं किया। लेकिन अचानक सोमवार को सीएम योगी से मिले और आंधे घंटे तक दोनों के बीच बातचीत भी हुई।
यूपी के सीएमयोगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। बृजभूषण के मुताबिक, वो 31 महीने बाद योगी से मिले। इसमें कुछ भी पॉलिटिकल नहीं था। बस अपना गम-शिकवा शेयर किया। वैसे भी मेरे मुख्यमंत्री से 56 साल से संबंध हैं। मीडिया से बातचीत में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, जीवन में उतार चढ़ाव होता रहता है। सोमवार को योगी जी से मिला। 2023 जनवरी में मुझपर आरोप लगा था तब से सीएम से कोई बात नहीं हुई थी। जब मुझपर आरोप लगा था तभी तय कर लिया था कि ये लड़ाई मेरी है और मैं ही इसे लडूंगा। मेरी ये लड़ाई जारी रही। मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाया। पार्टी ने बेटे को टिकट दिया और जनता ने उन्हें सांसद चुन लिया।
बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि जनवरी 2023 में सीएम का कार्यक्रम रद्द हुआ था, तब से मैं उनसे दूर हुआ। मैंने तभी कहा था जब वो बुलायेंगे तो ही मिलने जाएंगे। अब जब उन्होंने मुझे बुलाया तो मैं मिलने पहुंच गया। आप कह सकते हैं मुलाकात में परिवार के दो लोगों ने अपना गम-शिकवा शेयर किया, इसमें कुछ भी पॉलिटिकल नहीं है। सीएम योगी और पूर्व सांसद के बीच हुई मुलाकात के बाद अब सोशल मीडिया पर लोग अपने-अपने कमेंट लिख रहे हैं। कुछ लोग लिख रहे हैं अब ऑल-इल-वेल। जल्द ही पूर्व सांसद को बीजेपी संगठन में मिल सकता है बड़ा पद। एक यूजर्स ने लिखा कि पूर्वांचल की राजनीति में बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा है। ये बात सभी को पता है।
गौरतलब है कि बृजभूषण और योगी की इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट कहा जा रहा है, मगर सियासी गलियारों में इसे एक बड़े राजनीतिक डेवलपमेंट के तौर पर देखा जा रहा है। पूर्वांचल की राजनीति और 2027 के चुनावी समीकरणों के लिहाज से ये मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच काफी टाइम से बंद संवाद को फिर जारी कर सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि दोनों को करीब लाने की कोशिश केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर हुई है। ताकि, 2027 के चुनाव में पार्टी में एकजुटता का संदेश जाए। जानकार बताते हैं कि पीएम मोदी और सीएम योगी की मुलाकात के बाद पार्टी के अंदर एकजुटता लाने को लेकर मंथन हुआ और इसी का नतीजा रहा कि पूर्व सांसद लखनऊ पहुंचे।
मालूम हो कि बृजभूषण बीजेपी के कई बार के सांसद रहे हैं। साथ ही डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राम मंदिर आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका थी। महिला पहलवानों के आरोपों के बाद बीते लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था। हालांकि, उनके बेटे करण भूषण को टिकट मिल गया था। बृजभूषण के एक बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से बीजेपी के विधायक हैं.। दूसरे बेटे करण भूषण कैसरंगज से बीजेपी के सांसद हैं। दोनों ही अक्सर सीएम योगी से मिलते रहते हैं। सीएम भी उन्हें तवज्जो देते हैं। जानकार बताते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह गोरखपीठ से भी जुड़े हैं और राम मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने अहम भूमिका भी निभाई थी।