गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि, खेती पर असर और जनजीवन प्रभावित

Bulandśahar: बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में पहाड़ी क्षेत्रों में हुई लगातार बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस जलस्तर वृद्धि के चलते गंगा के किनारे स्थित खेतों में पानी भर गया है। इस पानी भराव के कारण किसानों की खेती की गतिविधियाँ गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। किसानों का कहना है कि पानी भरने से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। सब्जियों की फसलें जैसे लौकी, तोरी, करेला आदि को काफी नुकसान हुआ है।

पशुओं के चारे का संकट

गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सिर्फ फसलों पर ही नहीं, बल्कि पशुओं के लिए हरे चारे पर भी असर पड़ रहा है। चारे की कमी के कारण पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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तटवर्तीय इलाकों के लिए चेतावनी

एसडीएम देवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि तटवर्तीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस उद्देश्य से लेखपालों की टीम को मौके पर भेजा जा रहा है जो गंगा के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण करेगी। राजस्व टीम भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना कर रही है।

सुरक्षा उपाय

गंगा घाट पर बैरिकेडिंग कराने की योजना बनाई गई है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों पर ही स्नान कर सकें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय गोताखोरों की भी तैनाती की गई है।

पुल की मरम्मत की आवश्यकता

गंगा पर बने पक्के पुल में गड्ढों की मरम्मत अब तक नहीं कराई गई है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सपा सरकार के कार्यकाल में अमरोहा जनपद को जोड़ने के लिए इस पुल का निर्माण कराया गया था, लेकिन अब इसमें बने गड्ढों के कारण लोगों को असुविधा हो रही है।

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इस प्रकार, बुलंदशहर में गंगा के बढ़ते जलस्तर ने किसानों, पशुपालकों और आम जनता को विभिन्न समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया है। प्रशासन द्वारा कुछ कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन समस्या की गंभीरता को देखते हुए अधिक ठोस उपायों की आवश्यकता है।

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