श्मशान वीडियो कांड में नया मोड़: महिला ने BJP नेता को नहीं, गांव के 9 लोगों पर किया FIR अटैक, SC-ST एक्ट और बलात्कार की कोशिश के गंभीर आरोप

श्मशान घाट का यह मामला अब सिर्फ एक वायरल वीडियो का नहीं, बल्कि दलित उत्पीड़न, यौन शोषण की कोशिश और ब्लैकमेलिंग की संगीन कहानी बन चुका है। अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और राजनीतिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

Bulandshahr

Bulandshahr news: बुलंदशहर के चर्चित श्मशान घाट वीडियो मामले में अब कहानी ने चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। जिस वीडियो में भाजपा नेता महिला संग नजर आया था, उसी महिला ने अब नेता पर नहीं बल्कि गांव के 3 नामजद और 6 अज्ञात लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि इन लोगों ने वीडियो को जानबूझकर बनाया, उसे वायरल करने की धमकी दी और 1.5 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। यही नहीं, एफआईआर में बलात्कार की कोशिश और SC/ST ऐक्ट जैसी गंभीर धाराओं का भी जिक्र है। अब यह मामला केवल नैतिक बहस नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक जांच का विषय बन चुका है, जिससे पुलिस और सियासत दोनों में हलचल है।

श्मशान घाट वीडियो बना साजिश का हथियार?

Bulandshahr के सलेमपुर थाने में दर्ज इस एफआईआर ने मामले की दिशा ही पलट दी है। महिला का दावा है कि वायरल वीडियो नेता के साथ उसकी सहमति से नहीं, बल्कि षड्यंत्र के तहत बनाया गया था। उसके मुताबिक, गांव के तीन लोगों ने अन्य छह अज्ञात के साथ मिलकर वीडियो रिकॉर्ड किया और बाद में उसी का इस्तेमाल कर महिला को ब्लैकमेल किया गया। वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर आरोपियों ने 1 लाख 50 हजार की रंगदारी भी मांगी।

महिला ने अपनी शिकायत में बलात्कार की कोशिश और दलित उत्पीड़न कानून (SC/ST ऐक्ट) के तहत भी आरोप लगाया है। उसने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पूरी घटना सुनियोजित और सोची-समझी साजिश थी, जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई और मानसिक उत्पीड़न किया गया।

अब सिर्फ नैतिक मुद्दा नहीं, बना कानूनी चुनौती

एफआईआर में जिन धाराओं का उल्लेख किया गया है, वे बेहद गंभीर हैं—SC/ST ऐक्ट, बलात्कार की कोशिश और जबरन वसूली। इस केस ने न सिर्फ भाजपा नेता की छवि को झटका दिया है, बल्कि कानून-व्यवस्था और राजनीतिक संवेदनशीलता को भी चुनौती दे दी है।

विशेषज्ञों की मानें तो अगर आरोपियों पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो उन्हें सिर्फ आईटी एक्ट में ही नहीं, बल्कि BNS की कई धाराओं में भी दोषी पाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, यह मामला भाजपा के लिए भी नैतिक और सियासी संकट पैदा कर सकता है, क्योंकि वायरल वीडियो में जो नेता महिला के साथ नजर आया, उस पर फिलहाल कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

पुलिस पर बढ़ा दबाव, जांच की निगरानी तेज

सलेमपुर थाना प्रभारी का कहना है कि महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पूरे घटनाक्रम की गंभीरता से जांच की जा रही है। Bulandshahr पुलिस की टीमें सभी पहलुओं की छानबीन कर रही हैं और वीडियो बनाने से लेकर वायरल करने तक की कड़ी को जोड़ने की कोशिश हो रही है।

Bulandshahr पुलिस अफसरों ने साफ किया है कि जो भी इस पूरे प्रकरण में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। फिलहाल, भाजपा नेता पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन महिला के बयान के बाद केस में कई नई संभावनाएं खुल गई हैं।

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