प्रयागराज। ‘एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर लिया, फिर मैं खुद भी अपने आप की भी नहीं सुनता’। सलमान खान की फिल्म दबंग का ये डॉयलॉग यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर सटीक बैठता है। जब विधानसभा में अखिलेश यादव ने प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड का मुद्दा उठाया तो सीएम योगी ने ऐलान कर दिया था कि हम माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। आखिरकार ‘अतीक एंड बदमाश कंपनी मिट्टी’ में मिल गई। सीएम योगी ने कहा था कि सूबे को अपराध मुक्त कर देंगे और आज के वक्त बड़े-बड़े ‘बाहुबली’ गले में तख्ती लटकाकर सरेंडर कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा था कि हम अर्थव्यवस्था के मामले में यूपी को नंबर एक पर लेकर जाएंगे। वर्तमान में यूपी दूसरे नंबर पर है।
तो कह सकते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ योगी जो कहते हैं वह करके भी दिखाते हैं। तभी तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन पर बहुत विश्वास करते हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी की पीठ थपथपाई थी। जिसका नतीजा देश के लोगों ने यूपी उपचुनाव में देखा। सीएम योगी के चलते बीजेपी 9 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज की। सीएम योगी की बेबाक राय और सत्य की डगर पर चलने वाली उनकी पहचान बड़े-बड़ों को दिवाना बना देती है। शनिवार को देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के मुखिया सीजेआई बीआर गवई ने भी सीएम योगी की जमकर तारीफ की।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अभी कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ देश के सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा मेहनत करने वाले मुख्यमंत्री हैं। तो मैं इस पर कहना चाहूंगा कि हां योगी जी सच में पावरफुल हैं। योगी जी के साथा ही प्रयागराज की भूमि ही ताकतवर लोगों की है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वे कुछ बातें आज नहीं कहना चाहेंगे लेकिन 24 नवंबर के बाद अपनी बात रखेंगे। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। भारत के पराक्रम की सराहना की। इसके अलावा उन्होंने न्यायपालिका को सुझाव भी दिए। बता दें, सीजेआई 24 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
अपने प्रयागराज दौरे के दौरान प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर उद्घाटन होना गर्व की बात है। होल्कर ने सामाजिक हित के लिए बहुत कार्य किया। न्यायिक क्षेत्र में इलाहबाद हाईकोर्ट का नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है। मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू आदि है। हिंदी साहित्य महादेवी, हरिवंशराय, पंत, निराला, अकबर इलाहाबादी का नाम प्रमुख है। स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए चंद्रशेखर आजाद का नाम प्रमुख है। उन्होंने देश के लिए अपना बलिदान दिया। प्रयागराज शिक्षा, धर्म और न्याय की भूमि हैं। इस धरती से क्रांति की अलख भी जगी। इलाहाबाद एक शहर, जिला और नाम ही नहीं बल्कि एक संस्कृति है। इलाहाबाद भारत की पहचान है।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा हमारे देश का संविधान 75 साल में मजबूती की ओर है। भारत प्रगति की ओर बढ़ रहा है। भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति क्या है बताने की जरूरत नहीं है। अधिवक्ताओं के लिए इतनी बड़ी इमारत और इतनी सुविधाएं अन्य देश तो क्या दुनिया में कहीं नहीं है। वादकारी का भी हम ख्याल रख रहे हैं। वादकारियों के लिए व्यवस्था की जा रही है। देश का नागरिक न्याय के लिए आता है। उसका पूरा ख्याल हाईकोर्ट में रखा जाता है। जजों के 12 बंगलों को तोड़कर यह पार्किंग बनाई गई है। कहा, आज हम वन पर्सन, वन वोट और वन वैल्यू की ओर जा रहे हैं। बाबा साहब ने चेतावनी दी कि जब तक हम देश में आर्थिक असमानता दूर नहीं कर पाएंगे तब तक देश में लोकशाही स्थापित नहीं कर पाएंगे।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा आज दिन गौरवमयी दिन है। आज अहिल्या माता होल्कर की 300वीं जयंती है। प्राचीन काल से गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी प्रयागराज। धर्म, न्याय और ज्ञान के रूप में प्रयागराज पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करता है। यह महाकुंभ की भूमि है। कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो महाकुंभ में डुबकी लगाकर अभीभूत न हुआ हो। पीएम मोदी का मानना है का बार और बेंच के साथ वादकारी का भी उतना ही महत्व है। अपने आप में कैसा इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए यहां दिखता है। मल्टीलेवल पार्किंग से लोगों को लाभ मिलेगा। मल्टीलेवल पार्किंग तभी सफल होंगे जब कुछ जगह व्यवसायिक उपयोग के लिए हो।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा 1973 से पहले जब मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों के बीच में टकराव होता था तो मौलिक अधिकार को वरीयता दी जाती थी। लेकिन 1973 केशवानंद भारती का मामला आया जिसमें बुनियादी संरचना का सिद्धांत दिया गया। इस सिद्धांत का अनुसरण करते हुए 50 साल हो गया है। बार और बेंच को बिना साथ लेकर चले हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं। यह निर्माण कार्य सभी हाईकोर्ट के लिए आदर्श है। इससे प्रेरणा लिया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों के भवनों का निर्माण कार्य तेजी से हा रहा है। वकील से लेकर फरियादियों के लिए भी कोर्ट परिसर पर व्यवस्थाएं भी तेजी से बढ़ाई जा रही हैं।