लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। डॉक्टर लोहिया राजीनीति में आदर्शवादी थे।, जबकि समाजवादी पार्टी परिवारवादी है। अपराधी गुंडों के संरक्षण के बिना यह उसी तरह तड़पते हैं, जैसे पानी बिना मछली। लोहिया के नाम पर राजनीति करेंगे लेकिन उनके आदर्श नहीं मानते। परिवार और गुंडों पर ये लोग मेहरबान रहते हैं। ये बातें बृहस्पतिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या स्थित चार दिवसीय रामायण मेले के उद्घाटन दौरान कहीं।
राम और जानकी के प्रति समर्पण नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉक्टर लोहिया ने रामायण उत्सव कार्यक्रम देश में प्रारंभ किए थे। जिसके मन में राम और जानकी के प्रति समर्पण नहीं है, उनको त्याग देना चाहिए। सपा के लोगों का समय गुंडों को संरक्षण देने में बीता। पर प्रदेश व केंद्र में जब से बीजेपी सरकार आई, तब से हर तबगे का बिना भेदभाव के विकास हो रहा है। अपराध, माफिया लापता हो गए हैं। अब सिर्फ प्रदेश में विकास की बात होती है। इसी के कारण हमारे विपक्षी परेशान हैं।
युद्ध करने का साहस नहीं कर सकता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, अयोध्या सनातन धर्म की पावन पूरी में से प्रथम पूरी है। हजारों वर्षों से विश्व मानवता का मार्ग अयोध्या ने प्रशस्त किया। अयोध्या एक ऐसी भूमि जहां कोई युद्ध करने का साहस नहीं कर सकता। कहा कि पिछले वर्ष जनवरी में पीएम मोदी के हाथों 500 वर्षों के संघर्ष के बाद रामलला फिर से प्रतिष्ठित हुए। चित्रकूट भी संवर रहा। गोस्वामी तुलसीदास और वाल्यमीकि की जन्मस्थली के सुंदरीकरण का कार्य जारी है।
श्रीराम ने हर प्रकार का संरक्षण दिया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के नागरिकों के प्रति अपना अनुराग व्यक्त किया था। अयोध्या ने उनके साथ न्याय नहीं किया। लेकिन, श्रीराम ने हर प्रकार का संरक्षण दिया। सीएम योगी ने आगे कहा कि अयोध्या सांस्कृतिक रूप से विश्व में आगे बढ़ रहा। रामायण सीरियल को लोग देखने के लिए एक घंटे टीवी के सामने बैठते थे।
रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई
बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार की सुबह अयोध्या पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हनुमानगढ़ी व रामलला के दरबार में भी हाजिरी लगाई। सीएम ने रामलला के दर्शन के बाद राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया। सीएम योगी के जानकी महल ट्रस्ट में चल रहे विवाहोत्सव में भी शामिल होने की संभावना जताई गई है। वहीं दोपहर 12ः45 बजे वे महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट से मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां देवेंद्र फडवणिस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
रामायण मेला समिति के संयोजक आशीष मिश्र ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी रामायण मेला में न सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम होंगे, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। रामायण मेले में चार दिनों तक कथा, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक गायन, नृत्य नाटिका आदि की प्रस्तुति होगी। संस्कृति विभाग के विभिन्न जिलों के 20 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। वहीं कथा प्रवाचक रामायण से जुड़ी कहानियां सुनाएंगे।
डॉ.लोहिया ने मेले का किया था आगाज
प्रख्यात समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की परिकल्पना पर पहले चित्रकूट और बाद में अयोध्या में रामायण मेले का आयोजन शुरू किया गया था। कांग्रेस शासन में तत्कालीन सीएम श्रीपति मिश्र ने 1982 में अयोध्या के रामायण मेला का उद्घाटन किया था। इसके लिए रामायण मेला समिति को व्यवस्था और संतों के प्रवचन आदि के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई। सरकारी तौर पर तभी से संस्कृति विभाग अपने फंड से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रामलीलाओं के प्रस्तुतीकरण का दायित्व उठाता आ रहा है।