लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश में दो वर्ष के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ तीसरी बार सत्ता को लेकर मैदान पर उतर गए हैं। सियासी पिच पर ‘महाराज जी’ ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे हैं तो वहीं अखिलेश यादव के पीडीए को ध्वस्थ करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। इसी कड़ी में सीएम योगी रविवार को मेरठ पहुंचे। यहां पूर्व विधायक संगीत सोम और पुलिस के बीच जमकर टकरार हुई। संगीत सोम हरहाल में अपनी कार से सीएम योगी के कार्यक्रम स्थल तक जानें पर अड़ गए, लेकिन खाकी के सामने उनकी एक नहीं चली। कुछ ऐसा ही दृश्य राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई के साथ देखने को मिला। उन्हें भी सीएम योगी की पुलिस ने जुबान से फायर कर खामोस कर दिया।
अब हम आपको पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हैं। दरअसल, सावन के पवित्र महिने में देशभर में कांवड़ यात्राएं निकल रही हैं। मेरठ और मुजफ्फरनगर में भी कांवड़िए जल लेकर शिवालयों में जाकर जलाभिषेक कर रहे हैं। रविवार को खुद सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ कांवड़ियों का स्वागत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने मुजफ्फरनगर में हेलीकॉप्टर के जरिए कांवड़ियों पर फूलों की बरसात की। इसके बाद सीएम योगी मेरठ पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में पहले से पहुंचने के लिए बीजेपी नेताओं में होड़ लग गई। सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी की गाड़ी को कांवड़ मार्ग में पुलिस द्वारा रोक दिया गया।
जिस पर बीजेपी फायर ब्रांड नेता संगीत सोम ने रास्ते में अपनी गाड़ी रोके जाने पर अधिकारियों की क्लास लगाई। कार रोके जाने से नाराज दिखे सोम ने सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी को हड़काया। एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा ने जब उनसे हाथ जोड़कर गाड़ी से उतरने को कहा तो वह नहीं माने और एसपी ट्रैफिक को भी हड़काया। एडीएम सिटी बृजेश सिंह ने भी जब सोम को समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने उनकी भी क्लास लगाई। संगीत सोम बोले अपनी ही गाड़ी से जाऊंगा। मेरी कार नहीं लौटेगी। एसपी ट्रैफिक भी अड़ गए और उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया कि विधायक जी आप हमारी कार पर बैठकर कार्यक्रम स्थल तक चलें। अगर ऐसा नहीं करते तो आपको पैदल ही जाना पड़ेगा। कार तो अब अंदर नहीं जा सकती। एसपी ट्रैफिक के कहने पर संगीत सोम कुछ देर बाद दूसरे रास्ते से सीएम के कार्यक्रम में पहुंचे।
संगीत सोम के अलावा सीएम योगी के कार्यक्रम में जा रहे राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी की गाड़ी को भी पुलिस ने रोक दिया। जिसको लेकर राज्यसभा सांसद और पुलिसकर्मियों के बीच नोक झोंक हो गई। इस दौरान सांसद के अलग ही तेवर देखने को मिले। सांसद ने पुलिसकर्मियों से कहा कि तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। सांसद बोले अगर अपनी पर आया तो दिमाग सही कर दूंगा। सांसद उसी मार्ग पर जाने पर अड़े रहे और पुलिस ने सांसद की गाड़ी को मुख्य मार्ग से ही जाने दिया। पुलिस के सामने राज्यसभा के सांसद की नहीं चली और उन्हें भी दूसरे रास्ते से सीएम के कार्यक्रम स्थत तक जाना पड़ा। इस मौके पर राज्यसभा सांसद ने कहा कि यूपी पुलिस सच में उग्र हो गई है। हम पूरे मामले की शिकायत सीएम योगी से करेंगे।
पुलिस और बीजेपी नेताओं के टकराव के वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। लोग लिख रहे हैं और कमेंट करने के साथ ही बीजेपी के अंदर चल रही बगावत की पोल खोल रहे हैं। एक यूजर्स ने लिखा कि संगीत सोम अब बीजेपी के भूले बिसरे गीत बन गए हैं। अब बीजेपी के अंदर मुजफ्फरनगर का चाना तेजी से बिक रहा है। एक यूजर्स ने लिखा कि पुलिस ने अपना काम किया। पुलिस ने बीजेपी नेताओं के कानून का पाठ पढ़ाया। लेकिन बीजेपी नेता खुद को कानून से ऊपर मान कर चलते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि अब सूबे के सरकार महाराज जी हैं। वह बिना भेदभाव के सबका करते हैं विकास और बिना भेदभाव के सभी का इलाज भी करते हैं।