ल्खनऊ ऑनलाइन डेस्क। गंगा-यमुना के किनारे बसा फतेहपुर जिला खामोस है। कचहरी पर सिर्फ वकीलों की चहलकदमी है। बस स्टैंड के अंदर मुसाफिर और बाहर सन्नाना पसरा हुआ है। अबूनगर की प्रसिद्ध बिरयानी की दुकानों में तालेबंदी हैं। सिमाईयां भी शटर्स के अंदर ग्राहकों को इंतजार कर रही हैं। बाहर पुलिस का पहरा है। चप्पे-चप्पे पर वर्दीधारी तैनात हैं। गलियों के अंदर अब भी दोनों पक्ष आगे क्या करना है, उसको लेकर रणनीति बना रहे हैं। लखनऊ से अब पूरे प्रकरण की निगरानी की जा रही है। दर्जनभर से ज्यादा जिलों के अफसरों को दोआबा में उतार दिया गया है। मुकदमो और बवालियों की गिरफ्तारी का दौर भी शुरू हो गया है। हिंसा रूकी तो नेताओं ने बयानबाजी शुरू कर दी है। अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद योगी सरकार पर हमलावर हैं।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में सोमवार को मकबरा-मस्जिद को लेकर बवाल हुआ। एक पक्ष ने पुलिस की बैरीकैटिंग को तोड़ मकबरे के पास पहुंच गए। दूसरा पक्ष भी सामने आ गया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों के लोगों को खदेड़ा। फिलहाल अब हालात नियंत्रण में है। बवाल के बाद कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को धमाकेदार बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मकबरे के अंदर से आए वीडियोज में साफ-साफ हिंसा होती दिख रही है, लेकिन पुलिस ने आरोपी बीजेपी जिला अध्यक्ष और हिंदुत्ववादी संगठन के नेताओं पर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। उनपर एफआईआर तक नहीं दर्ज की। अगर बवाल करने वाले मुसलमान होते तो उनकी छाती पर गोली मार दी जाती।
इमरान मसूद ने कहा कि बवाल/तोड़फोड़ कराने के बाद अब वे मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की बात कर रहे हैं। फिलहाल, हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे समाज में नफरत न बोएं। नहीं तो आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ऐसी राजनीति से समाज बंट जाएगा। इमरान मसूद ने कहा कि बीजेपी जिलाध्यक्ष का बयान सामने आया था। बीजेपी जिलाध्यक्ष ने पुलिस-प्रशासन को धमकी भी दी थी। पुलिस-प्रशासन ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष को क्यों नहीं अरेस्ट किया। अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाती तो शाएद फतेहपुर दूसरा संभल बनने से बच जाता है। इमरान मसूद ने दोनों पक्षों से अपील की है कि जिले में आपसी भाईचारा बनाए रखें। बीजेपी के बुने जाले में न फंसे। बीजेपी हिन्दू-मुस्लिम के जरिए सत्ता में आना चाह रही है।
इमरान मसूद के बयान के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस मामले में बोले। उन्होंने फतेहपुर में घटी घटना, तेजी से खत्म होती बीजेपी की निशानी है। जब-जब बीजेपी और उनके संगी साथियों की पोल खुलने लगती है, तब-तब सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश की जाती है। जनता अब इस भाजपाई चाल को समझ गई है। अब ऐसी करतूतों में जनता न तो अटकेगी और न ही इन घटनाओं से भटकेगी। देखना ये है कि इस घटना के दोषियों की शिनाख़्त लखनऊ के ड्रोन करेंगे या दिल्लीवालों के ड्रोन। सामाजिक एकता ज़िंदाबाद। इस पूरे विवाद पर यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा-कांग्रेस की नीति रही है फूट डालो, हुकूमत करो।
अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए पाठक ने सपा पर समाज को बांटने और माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी का संकल्प तुष्टिकरण किसी का नहीं, संतुष्टिकरण सबका। सपा अपनी बयानबाज़ी से सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ना चाहती है। फिलहाल, फतेहपुर की स्थिति सामान्य है और कानून-व्यवस्था पर सरकार सतर्क है। हिंसा करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस कार्रवाई कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा के लोग असल में विवाद करवाना चाह रहे थे। सपा के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। बीजेपी कभी भी जातिगत और तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती।
दरअसल, फतेहपुर जिले में एक मंदिर और मकबरे को लेकर विवाद गहरा गया है। हिंदू संगठन इस मकबरे को भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर होने का दावा कर रहे हैं। जबकि, मुस्लिम पक्ष इसे नवाब अब्दुल समद का मकबरा बता रहा है। इस बीच बीते सोमवार को सैकड़ों की संख्या में हिंदू पक्ष के लोग मकबरे में घुस गए और तोड़फोड़ की. तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए मौके पर भारी फोर्स तैनात कर दी गई है। बवालियों पर एक्शन लिया जा रहा है। 150 से लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, जिसमें बीजेपी, सपा और हिंदू संगठनों से जुड़े शामिल हैं।