Dalmau Well: रायबरेली में एक ऐसा कुआं है जो किसी खेल मैदान जैसा दिखता है और इसकी विशालता देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। यह कुआं न सिर्फ अपने आकार के लिए बल्कि उससे जुड़ी रोचक कहानियों के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मुगलों की सेना यहां से एक साथ पानी भरती थी। दावा तो यहां तक है कि इस कुएं का कनेक्शन समुद्र से भी है। 16 गज व्यास में फैला यह कुआं एक समय में आठ लोगों को अलग-अलग दिशाओं से पानी खींचने की सुविधा देता था। ऐतिहासिक महत्व रखने वाला यह कुआं अब कूड़े और मलबे से भरा पड़ा है। पुरातत्व विभाग और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते यह धरोहर आज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है।
इतिहास की अनोखी धरोहर
रायबरेली के डलमऊ क्षेत्र में स्थित यह Dalmau Well अपने अनोखे निर्माण और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। चंदापुर रियासत के उत्तराधिकारी राजा हर्शेन्द्र सिंह बताते हैं कि लगभग 600 साल पहले 1404 में जौनपुर के मुस्लिम शासक इब्राहिम शाह शर्की ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया था। राजा डलदेव शर्की से हार गए और डलमऊ पर शर्की का कब्जा हो गया। इस विजय के बाद शर्की ने किले का निर्माण कराया और बड़ी संख्या में अपनी सेना को तैनात किया।
सेना को पीने के पानी की समस्या से निपटने के लिए एक विशाल Dalmau Well बनवाया गया। इस कुएं का व्यास 16 गज था और इसमें आठ गरारियां लगाई गई थीं, जो अलग-अलग दिशाओं से पानी खींचने में सहायक थीं। वरिष्ठ साहित्यकार अमृत लाल नगर ने अपनी किताब “गदर के फूल” में इस कुएं का जिक्र किया है। उस समय यह कुआं क्षेत्र का सबसे बड़ा कुआं माना जाता था।
समुद्र से कनेक्शन का रोचक दावा
इस Dalmau Wellसे जुड़ी एक और रोचक कहानी है जो इसे समुद्र से जोड़ती है। कहा जाता है कि एक साधु समुद्र में यात्रा कर रहे थे, तभी उनकी एक कुप्पीनुमा छड़ी समुद्र में गिर गई। उस छड़ी में तीन अशरफियां थीं। कुछ समय बाद जब कुएं का पानी बाहर निकला, तो उसमें से वही छड़ी भी बाहर आ गई। इसे रायबरेली किले के गेट पर टांग दिया गया और सूचना दी गई कि जिसे यह छड़ी चाहिए, प्रमाण देकर प्राप्त कर सकता है। साधु ने आकर छड़ी की पहचान की और अशरफियों का जिक्र किया, जो सही साबित हुआ। इस घटना के बाद से ही कुएं के समुद्र से कनेक्शन की बात सामने आई।
धरोहर की दुर्दशा
इतिहास की यह अनमोल धरोहर अब उपेक्षा का शिकार हो चुकी है। इतने विशाल कुएं में अब कूड़ा और मलबा भरा पड़ा है। न तो पुरातत्व विभाग ने इसकी देखभाल की और न ही जनप्रतिनिधियों ने इसे संजोने का प्रयास किया। कुछ स्थानीय लोग इसके पुराने स्वरूप को वापस लाने के प्रयास में जुटे हैं और प्रशासन से संरक्षण की मांग कर रहे हैं।
रायबरेली के इस Dalmau Well का न सिर्फ ऐतिहासिक बल्कि सांस्कृतिक महत्व भी है। अगर इसे संरक्षित किया जाए तो यह पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस धरोहर को सहेजने की पहल करनी चाहिए।