Darul Uloom Deoband: सहारनपुर में स्थित विश्वविख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम ने 17 मई को महिलाओं के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाते हुए अब उन्हें परिसर में घूमने की सशर्त अनुमति दी है। मुस्लिम महिलाएं अब इस दीनी शिक्षण संस्थान में जाकर धार्मिक ज्ञान अर्जित कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए दारुल उलूम ने सख्त नियम और शर्तें लागू की हैं। महिलाओं को प्रवेश के लिए विशेष विजिटर पास जारी किया जाएगा और केवल सुबह 8 से शाम 4 बजे तक ही संस्थान में प्रवेश की अनुमति होगी। प्रबंधन का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल रील्स के चलते यह प्रतिबंध लगाया गया था, पर अब यह फैसला मुस्लिम महिलाओं की मांगों को ध्यान में रखकर किया गया है। महिला विजिटर्स का मानना है कि इस इदारे का भ्रमण उनके बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
महिलाओं की मांग पर हटी रोक, तय हुए नए नियम
Darul Uloom Deoband, जो अपनी दीनी शिक्षा और फतवों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, ने महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को विरोध के बाद हटाने का फैसला लिया है। मुस्लिम, हिंदू, सिख और ईसाई धर्म के अनुयायी अक्सर इस संस्थान का दौरा करते हैं। महिलाओं को अब कड़ी सुरक्षा और नियमों के तहत प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। दारुल उलूम के प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी महिला को बिना परदे के फोटो खींचने या वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होगी।
सख्त नियमों का पालन अनिवार्य, महिलाओं ने जताई खुशी
महिलाओं को केवल नियमों के तहत संस्था में घूमने की अनुमति होगी। महिला विजिटर्स को अपने साथ आईडी प्रूफ रखना होगा और प्रबंधन द्वारा निर्धारित समय सीमा में ही प्रवेश मिल सकेगा। यह निर्णय मुस्लिम समाज के सुझावों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
Darul Uloom Deoband में एंट्री पर से रोक हटने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी का माहौल है। उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बच्चों की परवरिश और धार्मिक शिक्षा पर सकारात्मक असर पड़ेगा।