DM Divya Mittal News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में एक असाधारण घटना सामने आई, जब जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने खुले मंच से सांसद, विधायक और मंत्रियों को कड़ा संदेश दे दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि किसी अधिकारी पर ट्रांसफर या पोस्टिंग के लिए दबाव नहीं बना सकता। डीएम दिव्या मित्तल ने दो टूक शब्दों में कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग के अपने शासन स्तर के नियम हैं और किसी भी तरह का बाहरी दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। जैसे ही उन्होंने यह बयान दिया, कई अधिकारियों ने तालियां बजाकर उनका समर्थन किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और प्रशासनिक सख्ती की मिसाल बनता जा रहा है।
#कलेक्टर को गुस्सा कब आता है !! 😆#UP के देवरिया जिले की जिलाधिकारी IAS दिव्या मित्तल 2013 के गुस्से की वजह वाज़िब है उन्हें भी #सरकार को जवाब देना होता है। जब कोई सरकारी जमीन पर कब्ज़ा करता हैं तो तहसील के जिम्मेदार खमोश रहते है…आप जो #Video देख रहे है वह समाधान दिवस में… pic.twitter.com/SK7Q0WEMyx
— Dr.Ahtesham Siddiqui (@AhteshamFIN) July 6, 2025
भरी बैठक में सुनाई खरी-खरी
देवरिया की DM Divya Mittal ने जिला योजना समिति (दिशा) की बैठक में जनप्रतिनिधियों को सख्त हिदायत दी कि वे ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसे मामलों में हस्तक्षेप करने से बचें। उन्होंने साफ कहा कि किसी जनप्रतिनिधि को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी अधिकारी पर दबाव बनाए। यह विषय पूरी तरह शासन स्तर पर तय होते हैं और इसके स्पष्ट नियम हैं। डीएम के इतना कहते ही बैठक में मौजूद कई अधिकारी तालियां बजाने लगे। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग डीएम के इस साहसिक रुख की तारीफ कर रहे हैं।
विधायक से शुरू हुआ विवाद
मामला उस समय गर्माया जब बरहज विधायक दीपक मिश्रा ने बैठक के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव से सवाल पूछ लिया। विधायक ने अपने क्षेत्र की महिला शिक्षिका का वेतन लंबित होने और एक संविदा अकाउंटेंट का ट्रांसफर रोकने की मांग उठाई। विधायक ने आरोप लगाया कि बीएसए उनकी बातों को गंभीरता से नहीं ले रही हैं। इसके बाद जब विधायक ने पीडब्ल्यूडी से सड़कों की खराब हालत पर जवाब मांगा तो माहौल और तनावपूर्ण हो गया। नाराज होकर विधायक बैठक छोड़कर चले गए।
जनप्रतिनिधियों ने भी जताई नाराजगी
बैठक में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी शिकायतें रखीं। किसी ने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात सुनें तो समस्या ही नहीं होगी, जबकि किसी ने कहा कि अगर फाइल में अड़चन न हो तो ट्रांसफर कर देना चाहिए। इसी दौरान डीएम दिव्या मित्तल ने हस्तक्षेप करते हुए दो टूक जवाब दिया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग पर किसी जनप्रतिनिधि का कोई अधिकार नहीं है। यह शासन का मामला है।
कौन हैं DM Divya Mittal?
DM Divya Mittal 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, जो अपने बेबाक और पारदर्शी प्रशासनिक रवैये के लिए जानी जाती हैं। हरियाणा के रेवाड़ी की रहने वाली दिव्या ने दिल्ली से पढ़ाई की और लंदन में नौकरी भी की। उनके पति गगनदीप भी आईएएस अधिकारी हैं। दिलचस्प बात यह है कि दिव्या ने पहले 2012 में आईपीएस के रूप में चयन पाया था लेकिन फिर दोबारा प्रयास कर 2013 में आईएएस बनीं और यूपी कैडर मिला। दिव्या मित्तल अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए लगातार चर्चा में रहती हैं।