Deoria e-rickshaw wedding procession: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक अनोखी बारात चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसने लग्जरी गाड़ियों के दौर में सादगी और जुगाड़ का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। खुखुंदू थाना क्षेत्र के भटहर निवासी दिहाड़ी मजदूर दुर्गेश प्रसाद की शादी के दिन, लगन तेज होने के कारण उन्हें बारात ले जाने के लिए गाड़ियां नहीं मिल पाईं और किराए के दाम आसमान छू रहे थे। दूल्हे और उसके परिवार की चिंता को समझते हुए, दोस्तों ने एक शानदार और पर्यावरण-अनुकूल रास्ता निकाला: ई-रिक्शा। उन्होंने लगभग 30 ई-रिक्शा की व्यवस्था की। परछावन के बाद जब यह अनूठी बारात एक कतार में निकली, तो सड़कों पर चल रहे लोग रुक कर देखने लगे। इस निर्णय ने न केवल शादी संपन्न कराई, बल्कि अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाने का एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया।
देवरिया के दुर्गेश दिहाड़ी मजदूर हैं। पिता की मौत हो चुकी है। शादी तय हो गई लेकिन पैसे की दिक्कत बनी रही। दुर्गेश बारात के लिए गाड़ी नहीं कर पाए। उनके साथियों ने ई-रिक्शा से बारात निकालने की व्यवस्था कर दी। 30 ई-रिक्शावाले इकट्ठा हो गए। इसी से बारात गई।
दोस्ती बड़ी चीज है। pic.twitter.com/wGA4vC5wCn
— Shivani Sahu (@askshivanisahu) December 1, 2025
30 ई-रिक्शा पर सवार होकर निकले बाराती
Deoria में हुई इस शादी ने लोगों का ध्यान खींचा। भटहर निवासी दुर्गेश प्रसाद की शादी डुमरिया लाल गांव की शिल्पी से तय हुई थी। 30 नवंबर को बारात ले जाने के लिए सिर्फ दूल्हे के लिए एक कार मिल पाई, लेकिन लगभग 100 बारातियों के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं हो सकी।
जब दुर्गेश के दोस्तों को इस मुश्किल का पता चला, तो उन्होंने मिलकर फैसला किया कि बारात ई-रिक्शा से ही ले जाई जाएगी। सभी दोस्तों ने मिलकर लगभग 30 ई-रिक्शा तय किए और उन्हें सजाकर दूल्हे के दरवाजे पर पहुँचाया।
रास्ते भर लोगों ने ली सेल्फी
Deoria परछावन की रस्म के बाद, दूल्हा दुर्गेश कार में निकला, जबकि पीछे 30 ई-रिक्शे की एक लंबी कतार में बाराती सवार होकर ससुराल के लिए रवाना हुए। रास्ते भर यह नजारा आकर्षण का केंद्र बना रहा। लोगों ने इस अनोखी बारात को देखा और कुछ युवा उत्साहित होकर दूल्हे और बारातियों के साथ सेल्फी लेने लगे।
जब बारात दुल्हन शिल्पी के गांव पहुंची, तो वहां भी ई-रिक्शा एक लाइन से खड़े होने पर अद्भुत दृश्य उपस्थित हुआ। स्थानीय लोग दुर्गेश के इस रचनात्मक और किफायती फैसले की तारीफ कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह के कदम फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने में सहायक हो सकते हैं।
