Auraiya News : कब शुरू होगा ऐतिहासिक देवरा ऋषि मेला, तैयारियाँ तेज, श्रद्धालुओं और दुकानदारों में दिखा उत्साह

अगहन पूर्णिमा से औरैया के दोवा माफी में दुर्वासा ऋषि मेला शुरू होगा। एक महीने चलने वाले इस मेले में हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं। दुकानों, झूलों और धार्मिक आयोजनों से क्षेत्र में उत्साह का माहौल बन गया है।

Devrawa Rishi Fair:उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद के एरवाकटरा थाना क्षेत्र स्थित दोवा माफी गांव में मौजूद दुर्वासा ऋषि समाधि स्थल पर अगहन मास की पूर्णिमा से शुरू होने वाले एक महीने के बड़े मेले की तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं। यह मेला कई वर्षों से आस्था और परंपरा का केंद्र रहा है, और इस बार भी लोगों के बीच भारी उत्साह दिखाई दे रहा है। मंदिर परिसर में रंग-रोगन, साफ-सफाई और छोटे-छोटे मरम्मत कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। दूसरी ओर मेला मैदान में दुकानदारों ने अपने-अपने स्टॉल सजाने शुरू कर दिए हैं। मिठाइयों, खिलौनों, कपड़ों, घर-गृहस्थी के सामान और अन्य रोजमर्रा की चीज़ों की दुकानों की लंबी कतारें दिखाई देने लगी हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में त्योहार जैसा माहौल बन गया है।

हवन-पूजन से होगा मेले की शुरुआत

मेला प्रबंधक कश्मीर सिंह यादव ने बताया कि अगहन पूर्णिमा के दिन विधिवत हवन-पूजन के साथ मेले का शुभारंभ किया जाएगा। इस साल मेला 4 दिसंबर से 4 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने कहा कि अधिकांश तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई समस्या न हो। हर वर्ष की तरह इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, जालौन सहित आसपास के जिलों से हजारों लोग आकर मेले में दर्शन करते हैं। स्थानीय प्रशासन भी सुरक्षा, व्यवस्था और सफाई को लेकर सक्रिय है।

मनोरंजन, खरीदारी और पारंपरिक व्यंजनों की भरमार

मेले में सबसे ज्यादा भीड़ जलेबी, खजला, नमकीन और प्रसाद की दुकानों पर रहती है। बच्चों के लिए झूले, छोटे-छोटे खिलौने, कपड़े और बर्तनों की बड़ी दुकानों की भी खूब रौनक देखी जाती है। इसके साथ ही यह मेला पशु बाज़ार के रूप में भी जाना जाता है, जहाँ बैल, बछड़े और बकरियों की खरीद-बिक्री खूब होती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला यह पारंपरिक मेला पूरे महीने चहल-पहल से भरा रहता है।

रघुनाथपुर में भी तीन दिवसीय मेला शुरू होगा

इसी तरह रघुनाथपुर स्थित श्री जाहरवीर ठाकुर जी महाराज मंदिर में भी अगहन पूर्णिमा से तीन दिनों का मेला शुरू होगा। यहाँ भी दूर-दराज के गांवों और जनपदों से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। दोनों मेलों के चलते पूरे इलाके में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की रौनक बढ़ गई है।

स्थानीय लोगों में उम्मीदें और उत्साह

गांव के लोगों का कहना है कि दोवा माफी का दुर्वासा ऋषि मेला पीढ़ियों से आस्था का मुख्य केंद्र रहा है। इस बार भी श्रद्धालुओं को मेले से बड़ी उम्मीदें हैं और सभी लोग पूरे जोश के साथ तैयारियों में लगे हैं।

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