Doctor Death: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले देवेंद्र शर्मा, जिन्हें क्राइम की दुनिया में ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जाना जाता है, को दिल्ली पुलिस ने राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार कर लिया है। आयुर्वेदिक डॉक्टर होने के बावजूद देवेंद्र का काले धंधों से जुड़ा आपराधिक इतिहास बेहद भयावह है। 50 से अधिक हत्याओं, किडनी रैकेट और ट्रक ड्राइवरों की हत्या जैसे संगीन आरोपों के तहत वह लंबे समय से फरार था। 2004 में सीरियल किलिंग के आरोपों के साथ पकड़े जाने के बाद भी वह अगस्त 2023 में पैरोल पर जेल से भाग गया था। छह महीने की कड़ी खोज के बाद उसे अब पकड़ लिया गया है। देवेंद्र की अपराध की पूरी कहानी जानकर हर कोई दंग रह जाएगा।
आयुर्वेदिक डॉक्टर से ‘Doctor Death’ तक का सफर
Doctor Death देवेंद्र शर्मा का जन्म अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने 1984 में बीएएमएस की डिग्री हासिल की और राजस्थान के बांदीकुई में एक आयुर्वेदिक क्लिनिक शुरू किया। लेकिन व्यवसाय में असफल रहने के बाद उन्होंने 1994 में गैस एजेंसी घोटाले में 11 लाख रुपये गंवा दिए, जिससे उनका जीवन अपराध की ओर मुड़ गया।
किडनी रैकेट और 125 से अधिक अवैध ट्रांसप्लांट
1998 से 2004 तक देवेंद्र ने डॉक्टर अमित के साथ मिलकर एक बड़ा किडनी रैकेट चलाया। इस रैकेट के तहत कई राज्यों में 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट किए गए। एक ट्रांसप्लांट के लिए उन्हें 5 से 7 लाख रुपये मिलते थे। यह रैकेट बेहद संगठित था और लाखों रुपये की कमाई का जरिया था।
ट्रक ड्राइवरों की हत्या और कासगंज में कांड
किडनी रैकेट के साथ-साथ Doctor Death देवेंद्र ने ट्रक और टैक्सी ड्राइवरों की हत्या कर उनके वाहन लूटने का गिरोह भी बनाया। वह और उसके साथी फर्जी बुकिंग के जरिये ट्रक ड्राइवरों को फंसा लेते थे, फिर उनकी हत्या कर लाशें कासगंज के मगरमच्छ वाली हजारा नहर में फेंक देते थे। मगरमच्छों के कारण सबूत मिट जाते थे। देवेंद्र ने लगभग 50 ड्राइवरों की हत्या स्वीकार की है।
2004 में गिरफ्तारी और सजा
2004 में Doctor Death देवेंद्र शर्मा को किडनी रैकेट और सीरियल किलिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया। दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा की अदालतों ने उन्हें 7 मामलों में उम्रकैद और गुड़गांव की अदालत ने एक मामले में मौत की सजा सुनाई थी। इस समय से वह ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात था।
अगस्त 2023 में पैरोल पर भागना और फिर गिरफ्तारी
अगस्त 2023 में पैरोल पर जेल से बाहर आने के बाद देवेंद्र फरार हो गया। पुलिस ने छह महीने तक दिल्ली, अलीगढ़, जयपुर, आगरा, प्रयागराज समेत कई शहरों में सर्च अभियान चलाया। अंततः हाल ही में दिल्ली पुलिस ने दौसा, राजस्थान से उसे गिरफ्तार किया। पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है कि वह पैरोल के बाद क्या गतिविधियां कर रहा था और कहीं वह किसी अन्य अपराध में शामिल तो नहीं।
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