लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। डॉक्टर डेथ गिरोह के अहम गुर्गे को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दबोच लिया है। पकड़ा गया आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू उर्फ रजुआ (59) निवासी कासिमपुर, अलीगढ़, यूपी का रहने वाला है। कसाई पर आरोप है कि इसने डॉक्टर डेथ के साथ मिलकर 100 से अधिक लोगों का मर्डर किया। सबूत मिटाने को लेकर कसाई इंसानी लाखों को मगरमच्छ को खिला देता था। आरोपी 21 सालों से फरार चल रहा है। जिसके पकड़ने के लिए देश के कई राज्यों की पुलिस ऑपरेशन चलाए हुए थीं।
अपराध शाखा ने 19 मई 2025 को गिरोह के सरगना डॉक्टर देवेंद्र कुमार शर्मा उर्फ डॉक्टर डेथ को राजस्थान के दौसा से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में डॉक्टर डेथ ने सनसनीखेज खुलासे किए थे। आरोपी ने बताया था कि उसने एक गैंग खड़ी की। गैंग ने 100 से अधिक टैक्सी और ट्रक चालकों को अगवा कर लूटपाट के बाद हत्या कर दी। हत्या के बाद शवों को कासगंज स्थित मगरमच्छ वाली हजारा नहर में ठिकाने लगा दिया जाता था। डॉक्टर डेथ के इस खूनी खेल में अहम रोल राजेंद्र उर्फ राजू उर्फ रजुआ का था। डॉक्टर डेथ के कहने पर रजुआ लोगों की हत्या करता। लाशों को बोरे में भरकर मगरमच्छों को खिला दिया करता था।
डॉक्टर डेथ की गिरफ्ता के बाद पुलिस राजेंद्र उर्फ राजू उर्फ रजुआ की तलाश में ऑपरेशन चलाए हुए थे। अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि डॉक्टर डेथ की गिरफ्तारी के बाद उसने खुलासा किया कि उसका साथी राजेंद्र अब भी फरार है। पुलिस टीम ने अलीगढ़, जयपुर और दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। बाद में आरोपी को कासिमपुर, अलीगढ़ से दबोच लिया गया। वह एक लोकल पंप हाउस पर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। इसके खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं। वर्ष 2021 से वह कई राज्यों की पुलिस को चकमा दे रहा था। पूछताछ में आरोपी ने कई राज उगले हैं। आरोपी ने पुलिस को बताया है कि डॉक्टर डेथ के कहने प रवह गैंग से जुड़ा और लोगों की हत्याएं की।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जयपुर में एक युवक की अगवा कर हत्या के मामले में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। वर्ष 2007 से 2021 तक वह जयपुर की जेल में बंद रहा। इस दौरान जयपुर पुलिस व जेल प्रशासन से उसने अपनी असली पहचान छिपाकर रखी। 2021 में जमानत लेकर वह अलीगढ़ आ गया था। पकड़े गए राजेंद्र ने खुलासा किया है कि वह गिरोह से वर्ष 2003 में जुड़ा था। वह हत्या के 10 मामलों में शामिल रहा। दिल्ली और गुरुग्राम में अगवा कर हत्या के चार मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी। पुलिस ने बताया कि दिल्ली में आरोपी ने मर्डर किए थे। आरोपी की पहचान कर ली गई थी। पुलिस आरोपी की तलाश में ऑपरेशन चलाए हुए थी। आरोपी ने नाम बदलकर प्रेट्रोल पंप में नौकरी भी ज्वाइन कर ली।
आरोपी अलीगढ़ के दिलालपुर गांव का रहने वाला है। रजुआ के दो भाई हैं। तीनों के नाम से ग्रामीण लोग खौफ खाते थे। किसी हिम्मत उसके व उसके दो भाइयों से टकराने की नहीं होती थी। गांव के ही भट्ठा स्वामी पर उसने व उसके भाइयों ने दिनदहाड़े जानलेवा हमला किया था। पुलिस पर भी जानलेवा हमला किया था। तीन भाई 20 साल से गांव में नहीं रह रहे थे। जेल से छूटने के बाद जब राजेंद्र आया था तब उसने अपने सभी जुर्मों से बरी होने की बात कही थी। इसके बाद से तीनों भाई कासिमपुर पावर हाउस के पास एक झोंपड़ीनुमा कमरे में रह रहे थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने राजेंद्र को वहीं से गिरफ्तार किया है। राजेंद्र पर छर्रा थाने में 28 मार्च 2006 को पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायर का मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने उसे मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
डाक्टर डेथ के नाम से कुख्यात डा. देवेंद्र शर्मा छर्रा क्षेत्र के गांव पुरैनी का रहने वाला है। इसकी जरायम हिस्ट्री पर ध्यान दें तो इसने छर्रा-बरला क्षेत्र के ईंट भट्ठों में लाशें फुंकवा दीं थीं। इनमें से कुछ का अपहरण कर उनके वाहन लूटे गए तो कुछ की किडनी निकालकर हत्या की गई। 100 से ज्यादा हत्याएं कर चुके कुख्यात को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। किडनी ट्रांसप्लांट गैंग का पर्दाफाश 2004 में हुआ था। पुलिस को तब जानकारी मिली थी कि आरोपित पांच से सात लाख रुपये ट्रांसप्लांट के लेता था। वर्ष 2023 से पैरोल जंप कर फरार चल रहा था। उस पर दर्ज दिल्ली के सात मामलों में उसे आजीवन कारावास व गुरुग्राम के एक मुकदमे में फांसी हो चुकी है। फरारी के दौरान वह गांव में आया था।