हे बाघ बाबा! अजगर खाया, पेट बिगड़ा… फिर खाने लगे घास – जंगल में वायरल हुआ ‘घासू बाघ’!

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एक बाघ ने अजगर का शिकार किया, मगर खाने से पहले बेचैन होकर घास खाने लगा। ये अजीब हरकत कैमरे में कैद हुई और अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

Pilibhit

Pilibhit Tiger Reserve video: बाघ और घास? सुनने में अजीब लग रहा है ना? लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व से आई ये खबर आपकी सोच को पलट देगी। यहां एक बाघ ने अजगर का शिकार किया, मगर खाने से पहले ही बेचैन हो गया और फिर करने लगा घास चरना! जंगल का राजा इस तरह गायों वाला व्यवहार करेगा, ये तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। इस मजेदार नजारे का वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और लोग कह रहे हैं—”अब जंगल में घास काटने बाघ भी जाने लगे हैं!” मगर इसके पीछे मज़ाक से ज्यादा विज्ञान छिपा है। चलिए जानते हैं, क्यों ‘शेर की घास वाली डाइट’ हो गई वायरल।

अजगर बना लंच, घास बनी ‘डाइजेस्टिव गोली’

Pilibhit टाइगर रिजर्व में गुरुवार को कैमरे में एक मजेदार वाकया कैद हुआ। एक बाघ ने एक भारी-भरकम अजगर का शिकार किया। सब कुछ ठीक चल रहा था—शिकार किया, पास गया, सूंघा, लेकिन जैसे ही खाने की बारी आई, बाघ साहब का मूड बदल गया। बेचैनी में इधर-उधर घूमने लगे और फिर शुरू कर दी घास की ‘चरण-सेवा’। जंगल के कैमरा ट्रैप में यह दृश्य आते ही सब चौंक गए—”क्या बाघ अब गाय बन गए?”

‘घास खाओ, गड़बड़ भगाओ’—बाघ का नया मंत्र?

Pilibhit  वन विभाग की मानें तो ये कोई अजीब हरकत नहीं, बल्कि जानवरों की प्राकृतिक बीमारी से लड़ने की तकनीक है। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जानवरों के अंदर एक सेल्फ इम्यूनिटी सिस्टम होता है, जो खतरे का अंदाजा लगाते ही सक्रिय हो जाता है। खासकर जब कुछ अजीब या भारी चीज पेट में चली जाए, तो वे घास या लकड़ी जैसी चीजें खाते हैं, जिससे उन्हें उल्टी हो और शरीर की गड़बड़ी बाहर निकल जाए। यानी बाघ का घास खाना, उसकी ‘नेचुरल उल्टी मेडिसिन’ है।

सोशल मीडिया पर ‘घासू बाघ’ बना स्टार

इस Pilibhit वीडियो के वायरल होते ही बाघ साहब सोशल मीडिया के नए स्टार बन गए हैं। कुछ ने वीडियो पर मज़ेदार कैप्शन दिए—
🦁 “घास की महिमा अपरंपार, बाघ ने मारी भूख की हार।”
🌱 “गायों की मीटिंग में शामिल हुआ बाघ!”
😂 “अजगर खाया, पचाया नहीं गया, घास खाई, चैन मिला!”

वन विभाग की नजर में ‘बाघ बाबा’

बाघ की सेहत पर नजर रखी जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसकी बेचैनी किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा व्यवहार कभी-कभी होता है और चिंता की बात नहीं। लेकिन इतना जरूर है कि इस घटना ने जंगल के नियमों पर सवाल खड़ा कर दिया है—अब क्या शेर भी शाकाहारी हो जाएंगे?

तो अगली बार जब कोई कहे “शेर घास नहीं खाता”, तो उसे पीलीभीत का ये वीडियो दिखा दीजिए… और कहिए—“भाई, जंगल में कुछ भी हो सकता है!” 😄

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