Vijay Mishra ED action Bhadohi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश के भदोही से पूर्व विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्व एमएलसी रामलली मिश्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट में अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दर्ज की है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए मामले को आगे बढ़ाया है। ईडी की जांच के अनुसार, इन आरोपियों ने अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की।
जांच एजेंसी अब तक प्रयागराज, मुंबई, दिल्ली और रीवा में स्थित इनकी लगभग 25.46 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है। यह कार्रवाई यूपी पुलिस द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार और संगठित अपराध के विभिन्न मुकदमों के आधार पर की गई है, जिसमें आय से अधिक संपत्ति का मामला मुख्य है।
भ्रष्टाचार और अवैध साम्राज्य पर प्रहार
ईडी की यह कार्रवाई विजय मिश्रा और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित वित्तीय अपराधों के लंबे सिलसिले का परिणाम है। मामले के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
आरोपी और शिकायत: विजय मिश्रा और रामलली मिश्रा के अलावा, ईडी ने विष्णु कुमार मिश्रा, मेसर्स वीएसपी स्टारर रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और भोलानाथ राजपति शुक्ला को भी आरोपी बनाया है।
आय से अधिक संपत्ति: जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अपने कार्यकाल के दौरान लगभग 36.07 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति जमा की थी।
मनी लॉन्ड्रिंग का तरीका: आरोपियों ने ‘वीएसपी स्टारर रियल्टी’ नाम की कंपनी बनाई, जिसका इस्तेमाल अवैध धन को वैध दिखाने (लॉन्ड्रिंग) के लिए किया गया। इस काली कमाई को बेनामी संपत्तियों और व्यावसायिक लोन के रूप में घुमाया गया ताकि इसे “बेदाग” दिखाया जा सके।
जब्त संपत्तियां: कुर्क की गई 25.46 करोड़ की संपत्तियों में देश के प्रमुख शहरों जैसे मुंबई, नई दिल्ली और प्रयागराज में स्थित आलीशान कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज शामिल हैं।
आपराधिक इतिहास: विजय मिश्रा पर केवल भ्रष्टाचार ही नहीं, बल्कि हत्या, लूट, अपहरण, जबरन वसूली और अवैध खनन जैसे दर्जनों गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।





