Enemy property Lucknow dispute लखनऊ के हजरतगंज में मौजूद कांकर वाली कोठी (हलवासिया बिल्डिंग) को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। शुक्रवार को शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने इस संपत्ति का सीमांकन और पैमाइश करवाई। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और सदर तहसील की टीम भी इस काम में शामिल रही। सीमांकन पूरा होते ही संपत्ति के अलग-अलग हिस्सों पर बोर्ड लगा दिए गए, ताकि इसे चिन्हित किया जा सके।
लीज की शर्तों का उल्लंघन, संपत्ति का अवैध सौदा
शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय को जानकारी मिली कि लीज की शर्तों का उल्लंघन करके संपत्ति का कुछ हिस्सा बेच दिया गया है। इसे गंभीर मामला मानते हुए विभाग अब निबंधन कार्यालय से संपत्ति की रजिस्ट्री की प्रति निकलवाने की तैयारी कर रहा है, ताकि अवैध सौदों पर कार्रवाई हो सके।
यह संपत्ति साल 1938 में राजा महमूदाबाद ने देबी प्रसाद हलवासिया को लीज पर दी थी। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद सरकार ने इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया। हालांकि, सरकार ने लीज को जारी रखा, लेकिन अब यह लीज नवंबर 2027 में खत्म हो जाएगी।
400 करोड़ की संपत्ति, किराया सिर्फ 666 रुपए महीना
हलवासिया बिल्डिंग लखनऊ के सबसे महंगे इलाकों में से एक हजरतगंज में है। सरकारी आकलन के मुताबिक, इसका बाजार मूल्य करीब 400 करोड़ रुपये है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस संपत्ति का किराया सिर्फ ₹666.80 प्रति माह ही जमा किया जा रहा है।
विभाग ने कई बार लीज धारक को किराए की इस विसंगति को दूर करने के लिए नोटिस भेजे, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
जांच में सामने आई कई अनियमितताएं
विभाग को पता चला है कि लीज धारक ने नियमों को तोड़ते हुए इस संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति बताकर भारी कीमत पर बेच दिया है। अब सरकार इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। जल्द ही इस पर बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
सुरक्षा ऑडिट में कई इमारतें जर्जर मिलीं
शत्रु संपत्ति विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण की मदद से पूरे शहर में मौजूद शत्रु संपत्तियों की संरचनात्मक जांच करा रहा है। अब तक की जांच में पता चला है कि इनमें से ज्यादातर इमारतें जर्जर हालत में हैं। इससे इनके गिरने का खतरा बना हुआ है। इसलिए इनकी सुरक्षा को लेकर भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
किराया जमा करने के लिए पोर्टल लॉन्च
शुक्रवार को सर्वे और सीमांकन के दौरान किरायेदारों को भी सूचना दी गई कि वे अब अपना किराया सरकार के नए पोर्टल https://enemyproperty.mha.gov.in/eprentals/login पर जमा करें।
जो किरायेदार किराया नहीं जमा करेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम इस संपत्ति को लेकर चल रही अनियमितताओं को रोकने और सरकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।