Etawah police news: उत्तर प्रदेश के Etawah जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। एक बेटी ने अपने रिटायर दरोगा पिता और मां को पुलिस चौकी में बुलाकर दो सिपाहियों से पिटवा दिया। वजह थी पारिवारिक जमीन का विवाद। आरोप है कि बेटी और दामाद ने साजिशन पुलिस से सांठगांठ कर पूरे परिवार को न केवल बुरी तरह पीटा, बल्कि थाने में बंद भी कराया। पीड़ित दरोगा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद बेटी, दामाद और दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। अब इस घटना ने यूपी पुलिस की कार्यशैली और पारिवारिक रिश्तों की दरारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जमीन के नाम पर रिश्तों की दुश्मनी
इकदिल थाना क्षेत्र के कुरिट गांव निवासी गंगाप्रसाद यूपी पुलिस से रिटायर दरोगा हैं। उन्होंने अपनी सेवा के दौरान रामपुर नावली में खेती के लिए जमीन खरीदी थी। बेटी पूजारानी की शादी सुशील कुमार से हुई थी, जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते दरोगा ने अस्थायी रूप से उन्हें वह जमीन खेती के लिए दे दी थी। सेवानिवृत्ति के बाद गंगाप्रसाद आगरा में परिवार संग रहने लगे। इसी बीच उन्हें खबर मिली कि दामाद सुशील कुमार ने 11 लाख रुपये लेकर उस जमीन को बेचने का सौदा कर लिया है।
चौकी में बुलाकर की गई बेरहमी से पिटाई
तीन मई को गंगाप्रसाद अपने बेटों और पत्नी के साथ खेत पर पहुंचे तो दामाद और बेटी ने गाली-गलौज शुरू कर दी। विवाद बढ़ने पर पुलिस को फोन किया गया और उन्हें चौकी बुलाया गया। वहां मौजूद सिपाही ललित कुमार और प्रमोद कुमार सिंह ने पूजारानी और सुशील के साथ मिलकर गंगाप्रसाद और उनकी पत्नी रामकटोरी को बुरी तरह पीटा। जब बेटे हरेन्द्र ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की, तो उसे और साथ आए मनोज कुमार, मनीष व लवलेश को भी पीटकर Etawah चौकी में बंद कर दिया गया।
पुलिसिया सत्ता का दुरुपयोग और झूठे मुकदमे
हद तो तब हो गई जब सिपाही प्रमोद कुमार ने खुद को घायल बताकर मेडिकल रिपोर्ट बनवाई और उल्टा गंगाप्रसाद व उनके बेटों पर मारपीट का केस दर्ज करा दिया। जेल से छूटने के बाद जब 5 जून को गंगाप्रसाद ने थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की तो उन्हें दोबारा झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई। आखिरकार, कोर्ट में याचिका दाखिल करने पर बेटी, दामाद और दोनों सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच की जा रही है और अब सभी की निगाहें Etawah पुलिस प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।