Etmadpur, Agra: एतमादपुर में 7 वर्षीय मासूम बच्ची की दर्दनाक हत्या के मामले में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दोषी राजवीर को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला समाज में एक मजबूत संदेश भेजता है कि बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटनाक्रम की शुरुआत 30 दिसंबर 2023 को हुई, जब बच्ची अपने घर के पास चौकीदार राजवीर के साथ खेल रही थी। जब वह शाम तक घर नहीं लौटी, तो उसकी दादी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। अगले दिन दिलीप यादव की संपत्ति की दीवार के पास उसका शव बरामद किया गया। Etmadpur पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भागने की कोशिश कर रहे राजवीर को 31 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया।
Etmadpur पुलिस निरीक्षक विजय विक्रम सिंह के नेतृत्व में जांच टीम ने महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए, जिनमें खून से सने कपड़े और हत्या में प्रयुक्त ग्रेनाइट का पत्थर शामिल था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मृत्यु का कारण सिर और गर्दन पर लगी गंभीर चोटें थीं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 376A और POCSO एक्ट की धारा 5M/6 के तहत मुकदमा चलाया गया। विस्तृत सुनवाई के बाद, न्यायाधीश ने कहा कि यह अपराध “दुर्लभतम में से दुर्लभ” श्रेणी में आता है, जिसमें मृत्युदंड ही उचित सजा है।
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इस फैसले ने पीड़ित परिवार को कुछ राहत दी है। बच्ची की माँ ने कहा, “हमारी बेटी तो वापस नहीं आएगी, लेकिन यह फैसला अन्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” स्थानीय समुदाय ने भी फैसले का स्वागत किया है।
इस घटना के बाद, Etmadpur पुलिस ने क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों और आंगनवाड़ियों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। समाज के हर वर्ग से यह मांग उठी है कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए त्वरित सुनवाई और कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए।
दोषी की मृत्युदंड की सजा के विरुद्ध अपील उच्च न्यायालय में लंबित है, जहाँ अंतिम सुनवाई जल्द होने की संभावना है।