Fake IAS Arrested in Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने एक ऐसे जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को IAS अधिकारी बताकर लोगों को ठगा और निजी जिंदगी में भी कई युवतियों को अपने जाल में फंसाया। आरोपी का नाम ललित किशोर कुमार उर्फ गौरव कुमार सिंह है। उसे गुलहरिया थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी शादीशुदा होने के बावजूद चार युवतियों के साथ संबंध में था और इनमें से तीन युवतियां गर्भवती हो गईं। वहीं, ठगी के मामलों में उसने एक पीड़ित से करीब दो करोड़ रुपये की ठगी की थी।
जाली पहचान और फर्जी दस्तावेजों का खेल
ललित किशोर बिहार के सितामढ़ी जिले का रहने वाला है। वह खुद को IAS अधिकारी गौरव सिंह बताता था। लोगों पर रौब जमाने के लिए उसने फर्जी आईडी कार्ड, नेम प्लेट और सरकारी कागजात बनवा रखे थे। वह टेंडर दिलाने, जमीन-मकान खरीदवाने और सरकारी काम कराने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलता था।
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह हर महीने करीब पांच लाख रुपये केवल अपने रुतबे और दिखावे पर खर्च करता था।
AI टूल्स से लोगों को करता था गुमराह
पुलिस ने आरोपी के साथ उसके दो सहयोगियों अभिषेक कुमार और परमानंद गुप्ता को भी गिरफ्तार किया है। ये लोग AI टूल्स और फर्जी दस्तावेजों की मदद से पीड़ितों को यह दिखाते थे कि उनका काम हो गया है। बदले में नकद पैसे, गहने और महंगे गिफ्ट लिए जाते थे। इन नकली कागजात को देखकर लोग भरोसा कर लेते थे कि सामने वाला सच में बड़ा अधिकारी है।
चार गर्लफ्रेंड और फिल्मी अंदाज की जिंदगी
आरोपी की निजी जिंदगी भी किसी फिल्म से कम नहीं थी। शादीशुदा होने के बावजूद उसने उत्तर प्रदेश में चार गर्लफ्रेंड बना रखी थीं। पुलिस के मुताबिक, उसने IAS प्रोटोकॉल दिखाने के लिए किराए की गाड़ियां, स्टाफ और सुरक्षा जैसे इंतजाम किए थे। इस शान-शौकत पर वह हर महीने करीब चार से पांच लाख रुपये खर्च करता था। एक बार भागलपुर दौरे के दौरान जब एक एसडीएम ने उससे रैंक को लेकर सवाल किया, तो गुस्से में उसने अधिकारी को थप्पड़ तक मार दिया।
दो करोड़ की ठगी का खुलासा कैसे हुआ
यह पूरा मामला एक पीड़ित की शिकायत के बाद सामने आया। पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने टेंडर दिलाने का झांसा देकर करीब दो करोड़ रुपये ले लिए। जब पैसे वापस मांगे गए, तो गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारा और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ठगी के पैसों से उन्होंने कई जगह संपत्तियां खरीदी थीं।
पुलिस का बयान
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से लोगों को धोखा दे रहा था। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।



