Meerut news:एसटीएफ का बड़ा ऑपरेशन,फर्जी मार्कशीट गैंग का भंडाफोड़,बिना परीक्षा दिलाते थे सर्टिफिकेट

मेरठ में एसटीएफ ने 10 साल से चल रहे फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया। हाईस्कूल-इंटर की मार्कशीट में अंक बढ़ाकर और बिना परीक्षा बैक डेट मार्कशीट बनाकर लाखों रुपये वसूले जा रहे थे।

Fake marksheet scam in Meerut busted by UP STF

Fake marksheet scam in Meerut busted by UP STF उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मेरठ में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मार्कशीट बनाने वाले एक सक्रिय गिरोह को पकड़ लिया। यह गिरोह हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट में अवैध तरीके से नंबर बढ़ाकर छात्रों को बड़े कॉलेजों में दाखिला दिलाता था। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश ओपन स्कूल बोर्ड से बिना परीक्षा दिए बैक डेट (पुरानी तारीख) में मार्कशीट बनवाने का भी काम करता था।

कैसे हुआ पर्दाफाश

मेरठ में एसटीएफ ने 10 साल से चल रहे फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया। एसटीएफ टीम ने 11 अगस्त की रात करीब 11:30 बजे थाना गंगानगर क्षेत्र के मकान नंबर F-230 पर छापा मारा। यहां से गिरोह के तीन सदस्य जितेंद्र (पुत्र साधू सिंह), शिवकुमार (पुत्र राकेश कुमार) और निखिल तोमर (पुत्र बादाम सिंह) को गिरफ्तार किया गया।

बरामदगी की लंबी लिस्ट

मौके से एक कंप्यूटर CPU, प्रिंटर, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क, 10 स्कूलों की मोहरें, 2 स्टाम्प पैड, 25 हाईस्कूल और 49 इंटरमीडिएट की मार्कशीट, 2 ओपन स्कूल की मार्कशीट, 2 ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी), एक सनद और एक कार बरामद की गई।

कमाई का तरीका

पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग हाईस्कूल या इंटर की मार्कशीट में अंक बढ़ाने के लिए प्रति छात्र ₹10,000 लेता था।

फर्जी टीसी के लिए ₹3,000

बिना परीक्षा दिए बैक डेट मार्कशीट के लिए ₹10,000 से ₹15,000

बैक डेट मार्कशीट के काम में लखनऊ स्थित एक साथी को ₹5,000 भेजे जाते थे।

10 साल पुराना गोरखधंधा

जांच में पता चला कि यह गैंग पिछले 10 वर्षों से इस गैरकानूनी धंधे में लगा हुआ था। इस दौरान कई छात्रों को फर्जी दस्तावेज के जरिए कॉलेजों और संस्थानों में दाखिला दिलाया गया।

पुलिस की कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना गंगानगर, मेरठ में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच और कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है।

Exit mobile version