UP Hospitals: सरकारी अस्पतालों में खाने की जांच अब FSDA की जिम्मेदारी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है जिससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता बेहतर की जा सके। इस पहल के तहत अब फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह सभी सरकारी अस्पतालों में दिए जाने वाले खाने की नियमित जांच करे।
हर दिन लिया जाएगा फीडबैक
अस्पतालों में अब हर दिन तीमारदारों से खाने की गुणवत्ता पर फीडबैक लिया जाएगा। इसका मकसद यह है कि खाने में अगर किसी तरह की कमी हो, तो उसे समय रहते सुधारा जा सके। मरीजों को क्या खाना मिल रहा है, उसकी मात्रा और गुणवत्ता कैसी है, यह सब अब नियमित तौर पर जांचा जाएगा।
अस्पताल प्रभारी करेंगे दो बार निरीक्षण
शासन ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि हर दिन कम से कम दो बार खाने की सेवा, रसोई की सफाई और स्वच्छता की जांच की जाए। अस्पताल प्रभारी को खुद यह जिम्मेदारी निभानी होगी ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और जिम्मेदारी से चले।
तीमारदारों को मिलने वाले खाने की भी जांच
सिर्फ मरीज ही नहीं, बल्कि उनके साथ अस्पतालों में रुके तीमारदारों को मिलने वाले खाने की भी गुणवत्ता की जांच की जाएगी। सरकार चाहती है कि अस्पताल में हर किसी को साफ, पौष्टिक और ताजा खाना मिले जिससे उनके स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर न पड़े।
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अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी नजर
खाने की गुणवत्ता की इस पूरी प्रक्रिया पर अस्पताल प्रबंधन को भी नजर रखनी होगी। अगर कहीं कोई लापरवाही होती है, तो तत्काल सुधार के निर्देश दिए जाएंगे। शासन समय-समय पर इस व्यवस्था की समीक्षा करेगा और जरूरी बदलाव भी करेगा।
मरीजों के स्वास्थ्य में आएगा सुधार
सरकार को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से सरकारी अस्पतालों में खाने की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। साफ-सुथरा और पौष्टिक खाना मिलने से मरीजों की सेहत तेजी से सुधरेगी। यह कदम अस्पतालों की जिम्मेदारी को और मजबूत करेगा और मरीजों व उनके परिवारों को बेहतर सुविधा दिलाएगा।