उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक बेहद मार्मिक सड़क हादसे ने एक परिवार को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। मां की अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज जा रहे तीन सगे भाइयों और एक चचेरे भाई की बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बस से टक्कर में दर्दनाक मौत हो गई। यह हृदयविदारक घटना न केवल सड़क सुरक्षा की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि एक परिवार के गहन शोक को भी चित्रित करती है।
तीन सगे भाई—रामू (३५), श्यामू (३२) और लल्लू (२८)—अपनी मां की अस्थियां लेकर प्रयागराज के पवित्र संगम जा रहे थे। मां की मृत्यु हाल ही में हुई थी और भाई परिवार की परंपरा निभाने के लिए एकजुट हो गए थे। उनके साथ चचेरा भाई राजू (३०) भी था, जो इस भावुक यात्रा का हिस्सा बना। सुबह के घने कोहरे में उनकी बोलेरो को तेज रफ्तार बस ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिससे वाहन सड़क पर पलट गया। चारों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बस सवार कुछ यात्री मामूली रूप से घायल हुए।
परिवार के लिए यह क्षति असहनीय है। पिता और अन्य परिजन घर पर मां की अस्थि विसर्जन की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन अब वे चारों बेटों को खो बैठे। गांव में शोक की लहर दौड़ गई, जहां पड़ोसी और रिश्तेदार रो-रोकर बिलख रहे हैं। एक बुजुर्ग रिश्तेदार ने बताया, “ये भाई मां के अंतिम संस्कार के बाद ही निकले थे। प्रयागराज पहुंचने से पहले ही भगवान ने उन्हें बुला लिया।” पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और बस चालक के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर कोहरे के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन ट्रैफिक नियमों का पालन न होने से ऐसी त्रासदियां हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में स्लो ड्राइविंग, फॉग लाइट्स और साइनल बोर्ड जरूरी हैं। यह हादसा सड़क सुरक्षा जागरूकता की पुकार है।
परिवार का यह दर्द हमें सोचने पर मजबूर करता है कि जीवन कितना अनिश्चित है। मां की अस्थियां अब अनाथ पड़ी हैं, और चार युवाओं का सपना चूर हो गया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।



