Fraud IPS arrest in Ghaziabad: गाजियाबाद पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है, जिसमें 68 वर्षीय अनिल कटियाल नामक बुजुर्ग ने खुद को 1979 बैच का आईपीएस अधिकारी बताते हुए पुलिस को गुमराह किया। आरोपी ने इंदिरापुरम थाने में अपने साथी की पैरवी के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की। इस मामले में अनिल कटियाल और उनके 69 वर्षीय साथी विनोद कपूर को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और पाया कि आरोपी ने फर्जीवाड़े का सहारा लेकर कई सरकारी अधिकारियों को धोखा दिया था।
Ghaziabad पुलिस के अनुसार, 14 नवंबर को अनिल कटियाल ने डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ नीरज राठौर से संपर्क कर खुद को मणिपुर कैडर का रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताया। उसने इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक मामले में अपने साथी विनोद कपूर के पक्ष में पैरवी करने की कोशिश की और जांच अधिकारी प्रमोद हुड्डा पर अनियमितता का आरोप लगाया। कटियाल ने अपनी जान-पहचान का लाभ उठाकर पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन जांच के दौरान पुलिस को उसका फर्जीवाड़ा पता चल गया।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी अनिल कटियाल और विनोद कपूर को गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ शुरू की। कटियाल ने स्वीकार किया कि उसने अपनी सरकारी और निजी संपर्कों का इस्तेमाल किया और पुलिस तथा अन्य सरकारी विभागों को गुमराह किया। आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि अनिल कटियाल के पिता आईआरएस अधिकारी थे और उनके कई दोस्त सिविल सर्विसेज से जुड़े हुए थे, जिसका फायदा उठाकर उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताना शुरू किया।
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Ghaziabad पुलिस कमिश्नरेट ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों से और पूछताछ की योजना बनाई है। एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच जारी है और इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। इस फर्जीवाड़े ने पुलिस विभाग और अन्य सरकारी अधिकारियों की साख को नुकसान पहुंचाया है, और इसे लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।